इंटरनेट पर अमरीकी निगरानी घटेगी
इंटरनेट संचालन करने वाली एक संस्था ने कहा कि इस पर अमरीका की निगरानी आने वाले दिनों में घटेगी.
अमरीकी सरकार ने इंटरनेट संचालन करने वाली संस्था आइसीएएनएन (इकान) को स्वायत्तता देने संबंधी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
इससे पहले के समझौते के तहत ये कंपनी काफ़ी हद तक सरकार की निगरानी में काम करती थी, जिसकी कई देशों और इंटरनेट समूहों ने आलोचना की थी.
ये नया समझौता एक अक्तूबर से अमल में आ गया है, यानी इंटरनेट के प्रथम उपयोग के ठीक चालीस साल बाद.
आज से चालीस साल पहले एक अक्टूबर को ही दो कंप्यूटरों को एक साथ जोड़कर इंटरनेट का आरंभिक रूप तैयार किया गया था.
यूरोपीय आयोग ने इस नए समझौते का स्वागत किया है जो कि पहले इकान पर अमरीकी सरकार के नियंत्रण का आलोचक था.
अब दुनिया भर के इंटरनेट उपयोग करने वाले ये उम्मीद कर सकते हैं कि इकान का फ़ैसला और ज़्यादा स्वतंत्र और जवाबदेह होगा और सभी के हित में होगा
यूरोपीय आयोग के सूचना और मीडिया आयुक्त विविएन रेडिंग ने कहा, ‘अब दुनिया भर के इंटरनेट उपयोग करने वाले ये उम्मीद कर सकते हैं कि इकान का फ़ैसला और ज़्यादा स्वतंत्र और जवाबदेह होगा और सभी के हित में होगा.’
क्या है ‘इकान’
इकान इंटरनेट कॉर्पोरेशन फॉर एसाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स का संक्षिप्त रूप है. यह अमरीकी सरकार द्वारा गठित एक ग़ैर लाभकारी निजी क्षेत्र का निकाय है जो इंटरनेट के सूक्ष्म भागों जैसे कि टॉप लेवेल डोमेन सिस्टम पर निगरानी रखता है.
टॉप लेवेल डोमेन सिस्टम में डॉट कॉम, डॉट ऑर्ग, डॉट यूके जैसे नाम शामिल हैं.
वर्ष 1998 में इसकी शुरुआत से ही वॉशिंगटन डीसी स्थित अमरीका सरकार के वाणिज्य विभाग के राष्ट्रीय दूरसंचार और सूचना प्रशासन के साथ समय- समय पर समझौते हुए और इन सबको एक साथ संयुक्त परियोजना समझौता यानी जेपीए का नाम दिया गया.
समझौतों के तहत इस निकाय के नरीक्षण संबंधी कार्यों के लिए अमरीकी सरकार ज़िम्मेदार थी. लेकिन अब इसे सीधे सार्वजनिक किया जा सकेगा.
आलोचकों को आशंका थी कि इससे वॉशिंगटन दुनिया भर में इंटरनेट संचालन में दख़लंदाज़ी करता था.
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