Monday 18 January 2010

सानिया फ़िलहाल नहीं छोड़ेंगी टेनिस


टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने 2005 में अपने खेल से सनसनी फैलाई थी, इसके बाद उन्हें प्रशंसा और आलोचनाओं दोनों से रूबरू होना पड़ा लेकिन यह शीर्ष भारतीय खिलाड़ी अपने करियर के उतार-चढ़ाव से सीख लेकर आगे बढ़ना सीख गई है।

सानिया ने अकेले दम पर भारत को विश्व महिला टेनिस में जगह दिलाई और एक बार फिर वह सोमवार से शुरू होने वाले ऑस्ट्रे‍लियाई ओपन के एकल में भारत की एकमात्र चुनौती होंगी, लेकिन जब भी उनके ग्रैंड स्लैम प्रदर्शन की बात की जाती है तो यह एक वाद प्रतिवाद का विषय बन जाता है।

इस हैदराबादी ने कहा कि जब भी वह कोर्ट पर उतरती हैं तो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती हैं और अपने खराब परिणामों पर दु:खी होने के बजाय आगे बढ़ने में विश्वास रखती हैं।

सानिया ने एक साक्षात्कार में कहा सबसे बड़ी बात यह है कि मैं अपने आगाज के बाद 18 ग्रैंड स्लैम में भाग ले चुकी हूँ और यह व्यक्तिगत रूप से मेरेलिए बढ़िया सबूत है कि मैं एक सत्र की खिलाड़ी नहीं हूँ। मैंने पेशेवर स्तर पर 20 एकल ग्रैंड स्लैम मैच जीते हैं और इस स्तर पर जीत आसानी से नहीं मिलती। एक खिलाड़ी को हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए। हम बीती बातों को याद करके दु:खी नहीं हो सकते।

सानिया ने कहा कि उनकी सफलता की भूख संतुष्ट नहीं हुई है, लेकिन शीर्ष 100 में बने रहना भी कोई कम उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा एक खिलाड़ी को हमेशा उससे ज्यादा प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए, जो उसने हासिल कर लिया है, लेकिन कोई भी पेशेवर टेनिस खिलाड़ी, जो लगातार पाँच साल विश्व रैंकिंग में शीर्ष 100 में रह चुका है, इस बात से सहमत होगा कि एक खिलाड़ी को यह उपलब्धि हासिल करने केलिए कुछ निरंतरता की जरूरत होती है।

सानिया दिखा चुकी है कि अगर वह अच्छा खेल रही है तो वह किसी भी खिलाड़ी को शिकस्त दे सकती है, हालाँकि शीर्ष रैंकिंग पर काबिज खिलाड़ियों के खिलाफ उसने कम ही जीत दर्ज की हैं।

हाल में एक रिपोर्ट में सानिया के हवाले से कहा गया था कि 2012 ओलिम्पिक में मिश्रित युगल में शामिल करने से उसे संन्यास लेने की योजना को रोकना पड़ा, लेकिन इस हैदराबादी ने साफ किया कि अभी उसका टेनिस को अलविदा कहने का कोई इरादा नहीं है।

उन्होंने कहा ‍कि मैंने ऐसा हंसी में कहा होगा, इससे ज्यादा कुछ नहीं। मैंने अभी संन्यास के बारे में नहीं सोचा है, लेकिन जब मैं अपने खेल का आनंद उठाना बंद कर दूँगी और चोटों के कारण ऐसा होगा तो मैं टेनिस को अलविदा कह दूँगी।

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