Saturday, 22 October 2011

खो गया हु मै कहा






ज़िन्दगी की उस कल मे ,
आज की तलाश है ,
आज भी भटक रहा ,
आज की तलाश मे .

हर हसीन पल को देख रहा ,
आज की  आश मे ,
खो गया हु मै कहा ,
आज की तलाश मे .

बचपन से आज तक ,
एक ही प्रयास है ,
ज़िन्दगी तो जी रहा हु ,
आज की आश मे .

कभी जिन कदमो  से ,
चलने का प्रयास था ,
आज उन्ही कदमो पर ,
खडे होने की आश है .

ज़िन्दगी तो चल रही है ,
दौड़ाने का प्रयास है ,
खो गया हु मै कहा ,
आज को पाने की आश है .

ठोकरे खा रहा ज़िन्दगी मे ,
एक नए रास्ते की तलाश है ,
साथी तो बहुत मिले है ,
एक सच्चे साथी की आश है .

ज़िन्दगी का हर सुख ,
उस आज के पास है ,
दुःख तो  सिर्फ इस बात का है ,
मुझे आज भी उस आज की तलाश है .

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