Friday 12 November 2010

छठ पूजा


छठ पर्व या छठ कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश औरनेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। प्रायः हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले इस पर्व को इस्लाम सहित अन्य धर्मावलंवी भी मनाते देखे गए हैं।

छठ पूजा चार दिवसीय उत्सव है। इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को तथा समाप्ति कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है। इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं। इस दौरान वे पानी भी ग्रहण नहीं करते।

लोकपर्व छठ के विभिन्न अवसरों पर जैसे प्रसाद बनाते समय, खरना के समय, अर्घ्य देने के लिए जाते हुए, अर्घ्य दान के समय और घाट से घर लौटते समय अनेकों सुमधुर और भक्ति भाव से पूर्ण लोकगीत गाए जाते हैं।

  • 'केलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मे़ड़राय
  • काँच ही बाँस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए'
  • सेविले चरन तोहार हे छठी मइया। महिमा तोहर अपार।
  • उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर।
  • निंदिया के मातल सुरुज अँखियो न खोले हे।
  • चार कोना के पोखरवा
  • हम करेली छठ बरतिया से उनखे लागी।

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