Thursday 29 October 2009

फीड बेक ऑफ़ क्लास २५-१०-२००९

नमस्ते दोस्तों ,
हमारी पिछली क्लास में हमे माननीय "आतिश पराशर जी " ने वेब जर्नालिस्म व उससे जुड़े अन्य पहलुओं पर बात की । उन्होंने हमे बताया के किस प्रकार अपनी बात को दूसरो तक पहुचाना तथा किसी बात को समाचार बनाना किस प्रकार एक कला है । इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया की किस तरह एक ही ख़बर को अलग -अलग माध्यमों द्वारा प्रस्तुत करने के लिए उसके प्रस्तुतीकरण के अंदाज को भी बदलना पड़ता है , जैसे रेडियो के द्वारा हम केवल सुन ही सकते हैं और टी.वि के द्वारा देख भी सकते हैं तथा समाचार पत्र में हमे केवल पढने की ही सुविधा प्राप्त है इसलिए इन तीनो ही माध्यमो द्वारा जब हम कोई समाचार पेश करतें हैं तो उसे हर माध्यम पर पेश करने का ढंग अलग होगा ,परन्तु जब हम इन्टरनेट या वेब के लिए लिखते हैं तो हमे अपनी लेखनी में इन तीनो तरह के माध्यमो में पेश की जाने वाली शेली का मिला -जुला रूप प्रस्तुत करना पड़ता है क्यूंकि इन्टरनेट द्वारा हमे देखने ,सुनने ,पढने तथा लिखने की भी सुविधा मिलती है ।
उन्होंने हमे यह भी बताया की एक वेब जर्नालिस्म के पत्रकार को सदेव लिखते समय वेब के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए सोच समझ कर व कलात्मक तरीके से लिखना चाहिए ।
इसके साथ ही उन्होंने हमे ओंन लाइन जर्नालिस्म के लिए लेखन के लिए जरुरी कुछ महतवपूर्ण पहलुओं से भी रुबरु कराया , उन्होंने बताया के वेब के लिए लिखते समय चाहे हम किसी भी भाषा का प्रयोग करें परन्तु हमे हमेशा उस भाषा के सरलतम शब्दों का प्रयोग करते हुए अपने लेख का निर्माण करना चाहिए और ये यद् रखना चाहिए के हम किसके लिए और क्या लिख रहें हैं । एक अच्छा लेख लिखते समय हमे यह ध्यान रखना चाहिए की लेख छोटा ,सरल ,स्पष्ट,मजेदार व पाठक को आकर्षित करने वाला हो ।
इसके साथ ही उन्होंने अपरिपक्व लेखन के भी कुछ उदाहरन देते हुए एक परिपक्व और अपरिपक्व लेखन में अंतर स्पष्ट किया ।
इसके अतिरिक्त इन्टरनेट से जुड़ी कुछ टेक्निकल बातों को भी जाग्रत करते हुए अनालोग और डिजीटल में अंतर बताया और इन्टरनेट के बारे में अपने विचार व्यक्त किए ।
अंत में उन्होंने यह स्पष्ट कियस की एक पत्रकार की लेखन के विषय में क्या सीमाएं हैं और एक सफल पत्रकार के गुणों के बारे में भी बताया की एक पत्रकार को निर्णायक , विश्वासी ,दिमागी रूप से स्वस्थ तथा तेज होना चाहिए ।
इस प्रकार हमारी जिज्ञासाओं को शांत करते हुए एक मत्वपूर्ण लेक्चर का हुआ ।
धन्यवाद

No comments:

Post a Comment