Thursday 8 September 2016

Sanchar

एस.जी. टी. बी.खालसा कॉलेज में आदरणीय डॉ स्मिता मिश्रा के सानिध्य में आरम्भ हुए पाठ्यक्रमों वेब पत्र्कारिता एवम स्पोर्ट इकनोमिक एंड मार्केटिंग के छात्रों की संयुक्त कक्षाओं को संबोदित करते हुए कल के गेस्ट लेक्चरर सनी गोंडजी ने संचार पर अपनी विशेसज्ञता तथा इन दोनों पाठ्यक्रमों के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों में संचार तथा संचार के  माध्यमोँ की उपयोगिता के बारे में अवगत कराया

        सनी गोंडजी ने छात्रों को संचार शब्द के बारे में बताया कि "दो व्यक्तियों या समूहों के मध्य कुछ सार्थक चिन्हों,संकेतों,प्रतीकों,तथा कौशल के द्वारा सूचना ,जानकारी,ज्ञान,या मनोभावों का आदान-प्रदान संचार है। 
                                   अर्थात 
         संचारक (sender) और प्रापक (receiver)के मध्य वह उभयनिष्ठता स्थापित करता है। 

 प्राचीन काल  से आज के आधुनिक युग तक संचार के द्वारा ही मानव सभ्यता में सतत रूप से विशाल परिवर्तन हुआ है।
         संचार की उपयोगिता व उसके तकनीकी पहलुओं पर व्यापक रूप से प्रकाश डालते हुए सनीजी ने बताया कि संचार ही मानव संबंधों के विकास की धुरी है जो आदि मानव युग से आज के युग तक बिभिन्न माध्यमों के रूप में अनवरत प्रगतिशील है। जहाँ आज से कुछ दशक पूर्व संचार के सीमित साधन पत्र व्यवहार,तार,शार्ट हैण्ड लिपि,रेडियो,टेलीफोन तथा दूरदर्शन टेलीविज़न हुआ करते थे वहीँ आज के डिजिटल समय में कई आधुनिक सुबिधाओं जैसे-इन्टरनेट,मोबाइल फोन,स्मार्ट फ़ोन,सैटेलाइट चैनल,ई-पेपर,तथा सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से पत्रकारिता व मार्केटिंग के अलावा समूची मानव सभ्यता में गुणात्मक रूप से व्यापक परिवर्तन कर दिया है। जिसका परिणाम मानव जीवन में समय की कमी के रूप में आ रहा है। आज संचार माध्यमों ने समाज, राज्य,तथा राष्ट्रों की सीमाओं से परे जाकर समूचे विश्व को अप्रत्यक्ष तौर पर एकीकृत कर दिया है।



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