कविता जी हिंदी कम्प्यूटिंग की दुनिया में एक जाना -माना नाम हैं /अपनी बुद्धिमता के साथ ही वह बहुल्य प्रतिभा की धनी भी हैं/ उन्होंने काफी समय विदेश में व्यतित किया परन्तु फिर भी उनका हिंदुस्तान व हिंदी के अपने प्रेम को बनाये रखा और उन्होंने हिंदी के विकास के लिए कई कार्य किये / छात्रों को सम्भोधित करते हुए उन्होंने ये बताया की किस प्रकार हम हिंदी भाषा को अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित कर सकते हैं / इन्टरनेट पर अपने महान साहित्यकारों ,कवियों तथा लेखकों की रचनाओं तथा अपनी कृतियों को सँजोकर हम वर्षों वर्ष रख सकते हैं ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को हमारी संस्कृति और सभ्यता से हम अवगत करा सकें / कविता जी ने यह भी बताया के किस प्रकार कई स्वयं संस्थाएं इस कार्य में लगी हुई जिस से काफी हद तक भारतीय संस्कृति का इतिहास इन्टरनेट पर आ चूका है , इसके साथ ही उन्होंने हमे ब्लोगिंग साइट्स ,ब्लोग्स बनाना तथा अपनी बात कहते और दूसरों की बात सुनते हुए ब्लोगिंग करना भी सिखाया और इस बात से भी जागरूक कराया की किस तरह हम अपनी छोटी सी भागीदारी से भी हिंदी के वजूद को बनाये रखने में अपना योगदान दे सकते हैं /
हिंदी भाषा के प्रति दूर विदेश में बैठे व्यक्ति का प्रेम और हिंदी में कुछ पढने की ललक तथा अपने बच्चों को हिंदी भाषा का ज्ञान देने की तड़प हिंदी कम्प्यूटिंग की उपयोगिता को और बढाती है ,जिससे हिंदीकम्प्यूटिंग आय का भी साधन बन रही है/ हिंदी में आये सर्च इंजन ,वेब साइट्स ,ब्राउसर आदि इसी का संकेत देते हैं / हिंदी भाषा का बढ़ता हुआ दायरा इसे विश्व की दुसरे नंबर की भाषा के रूप में ले आएगा , और इसे सत्य करने के लिए प्रत्येक भारतीय का योगदान किस प्रकार आवश्यक है यह भी उन्होंने बताया/ सभी छात्रों में हिंदी के प्रति और अधिक सम्मान तथा हिंदी में कम्प्यूटिंग करने का विश्वास जगा कर कविता जी ने अपने लेक्चर समाप्ति की /
अकस्मात् रिपोर्ट अभी देखी, आप सभी का धन्यवाद, विशेषतः स्मिता जी का.
ReplyDeleteकृपया मेरा नाम सही कर दें. नाम के दूसरे शब्द का सही रूप है - "वाचक्नवी"
उस दिन लिए गए चित्रों को यदि मेरे आईडी पर भिजवाया जा सके तो धन्यवादी हूँगी.