Saturday, 30 January 2010
Thursday, 28 January 2010
Wednesday, 27 January 2010
Padma Shri Award to Saif Ali Khan, a mockery on the Nation.
Can anyone describe the reason behind, Saif Ali khan, soon walking down with a Padma Shri Award?
Tuesday, 26 January 2010
Friday, 22 January 2010
IPLटीमों का चयन और" शिल्पा" का का निशाना
आज मुंबई में आई .पी .एल टीमों का चुनाव किया गया जिसमे सभी टीमों के मालिक मोजूद थे / इस दोरान पाकिस्तानी खिलाडियों के टीमों में न लिए जाने के फैसले के विरुद्ध राजस्थान रायल्स की मालिक और बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने शिव सेना की और निशाना साधा। शुक्रवार को इशारों-इशारों में शिल्पा शेट्टी ने शिव सेना पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ पागल लोग अगर बाहर खड़े होकर चिल्लाएंगे, तो इन खिलाड़ियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब शिल्पा शेट्टी से पत्रकारों ने पूछा कि पाक खिलाड़ियों को क्या नहीं लिया गया, तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम पाक खिलाड़ियों को नहीं लेना चाहते थे, लेकिन इस देश में कुछ पार्टियां सनकियों की तरह व्यवहार कर रही हैं। ऐसे में उन क्रिकेटर्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा।
जाहिर है कि शिल्पा का इशारा शिव सेना की तरफ था। पाक खिलाड़ियों को लेकर शिव सेना का नजरिया तो जगजाहिर है ही, कुछ समय पहले पार्टी ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को भी धमकियां दे डाली थीं। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय स्टूडेंट्स पर हो रहे हमलों के चलते शिव सेना ने कहा था कि आईपीएल में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को नहीं खेलने दिया जाएगा। शिल्पा शेट्टी का इशारा इसी ओर था /
क्लास रिपोर्ट २०-०१-२०१०
आज हमारी क्लास हिंदी लेखनी जगत के एक चर्चित नाम श्रीमान राकेश पाण्डेय जी ने ली/ वह हिंदी पत्रिका" प्रवासी संसार "के संपादक होने के साथ हीभाषा अवधी के भी ज्ञानी हैं / इसलिए उन्होंने सभी छात्रों को हिंदी के साथ -साथ हिंदी भाषा की जननी भाषा अवधी से भी छात्रों का परिचय कराया / इसके साथ ही हिंदी भाषा का विकास तथा आज के युग में हिंदी भाषा पर इंग्लिश भाषा के प्रभाव के बारे में भी बताया /उन्होंने ने यह स्पष्ट किया की किस प्रकार विभिन्न बोलियों को हिंदी भाषा खत्म क्र रही है और उसी तरह हिंदी भाषा के प्रभाव को इंग्लिश भाषा मिटा रही है /
विदेशों में रह रहे भारतियों के देश प्रेम और देश से अलग होकर रहने की पीड़ा के बारे में भी उन्होंने ने बताया और इसका जिक्र उन्होंने अपनी पुस्तक में भी किया है / किस प्रकार एक भारतीय देश के बाहर होकर भी देश के बारे में सोचता है और अपने देश वापस आने की चाह को लेकर भी वापस नहीं आ पाता इन सब के बारे में उन्होंने बताया / एक प्रवासी भारतीय के अंतर्मन की भावनाओं को समझते हुए उन्होंने अपनी पत्रिका को प्रकाशित किया है जिससे एक आम व्यक्ति भी उन भावनाओं से परचित हो सके और इन्ही भावनाओं का शब्दों में वयक्त किया /
Thursday, 21 January 2010
Tuesday, 19 January 2010
बसंत पंचमी की बहार
मांगलिक कार्यों के लिए शुभ दिन
भाषाओं में देववाणी संस्कृत भाषा का जन्म भी आज ही हुआ। ब्रह्मा की प्रथम श्रृष्टि आज ही से प्रारम्भ मानी जाती है। त्रिदेव में ब्रह्मा विष्णु महेश का मृत्युलोक में आगमन आज ही के दिन हुआ। इसलिए बसंत पंचमी को अबूज देव मुहूर्त भी माना जाता है। इस दिन सभी गृहस्थी संबंधी मांगलिक कार्य का शुभ दिन माना गया है। इनमें विवाह, देव प्रतिष्ठïा, गृह प्रवेश, गृह आरम्भ, नूतन वाहन, सभी प्रकार के छोटे से बड़े मुहूर्त का शुभ दिन है।
Monday, 18 January 2010
सानिया फ़िलहाल नहीं छोड़ेंगी टेनिस
टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने 2005 में अपने खेल से सनसनी फैलाई थी, इसके बाद उन्हें प्रशंसा और आलोचनाओं दोनों से रूबरू होना पड़ा लेकिन यह शीर्ष भारतीय खिलाड़ी अपने करियर के उतार-चढ़ाव से सीख लेकर आगे बढ़ना सीख गई है।
सानिया ने अकेले दम पर भारत को विश्व महिला टेनिस में जगह दिलाई और एक बार फिर वह सोमवार से शुरू होने वाले ऑस्ट्रेलियाई ओपन के एकल में भारत की एकमात्र चुनौती होंगी, लेकिन जब भी उनके ग्रैंड स्लैम प्रदर्शन की बात की जाती है तो यह एक वाद प्रतिवाद का विषय बन जाता है।
इस हैदराबादी ने कहा कि जब भी वह कोर्ट पर उतरती हैं तो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती हैं और अपने खराब परिणामों पर दु:खी होने के बजाय आगे बढ़ने में विश्वास रखती हैं।
सानिया ने एक साक्षात्कार में कहा सबसे बड़ी बात यह है कि मैं अपने आगाज के बाद 18 ग्रैंड स्लैम में भाग ले चुकी हूँ और यह व्यक्तिगत रूप से मेरेलिए बढ़िया सबूत है कि मैं एक सत्र की खिलाड़ी नहीं हूँ। मैंने पेशेवर स्तर पर 20 एकल ग्रैंड स्लैम मैच जीते हैं और इस स्तर पर जीत आसानी से नहीं मिलती। एक खिलाड़ी को हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए। हम बीती बातों को याद करके दु:खी नहीं हो सकते।
सानिया ने कहा कि उनकी सफलता की भूख संतुष्ट नहीं हुई है, लेकिन शीर्ष 100 में बने रहना भी कोई कम उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा एक खिलाड़ी को हमेशा उससे ज्यादा प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए, जो उसने हासिल कर लिया है, लेकिन कोई भी पेशेवर टेनिस खिलाड़ी, जो लगातार पाँच साल विश्व रैंकिंग में शीर्ष 100 में रह चुका है, इस बात से सहमत होगा कि एक खिलाड़ी को यह उपलब्धि हासिल करने केलिए कुछ निरंतरता की जरूरत होती है।
सानिया दिखा चुकी है कि अगर वह अच्छा खेल रही है तो वह किसी भी खिलाड़ी को शिकस्त दे सकती है, हालाँकि शीर्ष रैंकिंग पर काबिज खिलाड़ियों के खिलाफ उसने कम ही जीत दर्ज की हैं।
हाल में एक रिपोर्ट में सानिया के हवाले से कहा गया था कि 2012 ओलिम्पिक में मिश्रित युगल में शामिल करने से उसे संन्यास लेने की योजना को रोकना पड़ा, लेकिन इस हैदराबादी ने साफ किया कि अभी उसका टेनिस को अलविदा कहने का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा हंसी में कहा होगा, इससे ज्यादा कुछ नहीं। मैंने अभी संन्यास के बारे में नहीं सोचा है, लेकिन जब मैं अपने खेल का आनंद उठाना बंद कर दूँगी और चोटों के कारण ऐसा होगा तो मैं टेनिस को अलविदा कह दूँगी।