नई दिल्ली।। 12 नवम्बर को महात्मा गांधी के आकाशवाणी से एक मात्र सजीव प्रसारण के 67 वर्ष पूरे होने की स्मृति दिवस में प्रसारण भवन में लोक सेवा प्रसारण दिवस समारोह का आयोजन किया गया।
ज्ञात हो कि 12 नवम्बर 1947 को महात्मा गांधी का प्रसारण भवन से भाषाण प्रसारित किया गया था। महात्मा गांधी को 11 नवम्बर 1947 को कुरूक्षेत्र में आये ढाई लाख विस्थापितों से मिलने जाना था,मगर ऑल इण्ड़िाय कांग्रेस कमेटी की मींटिग के चलते वह उस दिन कुरूक्षेत्र नहीं जा पाये थे। इस व्यस्तता को देखते हुए गांधी जी को सलाह दी गई की वह आकाशवाणी के माध्यम से कुरूक्षेत्र में आए विस्थपितों से बात करें। अत: 12 नवम्बर 1947 को प्रसारण भवन के एक स्टूड़ियों को प्रार्थना सभा का रूप दिया गया और गांधी जी ने विस्थपितों को अपनी संवेदना प्रकट की थी।
स्मृति दिवस के रूप में आयोजित इस समारोह का आयोजन प्रसारण भवन के प्रांगण में किया गया, समारोह का शुभांरम्भ आकाशवाणी के वाद्य वृन्द कलाकारों ने सितार,संतूर, तबला, गिटार, वॉयलन,हॉरमानियम और बांसुरी पर गांधी के प्रिय भजन वौष्णव जन भजन को संगीतमय बनाया। इसके बाद आकाशवाणी के ही गान वृन्द कलाकरों ने सुरेश मिश्रा द्वारा रचे भजनों की प्रस्तुति दी जिसका आरम्भ कबीर के भजन साधौ सहज समाधि भली से हुआ उसके बाद नानक सूरदास के भजनों को प्रस्तुत किया गया।
प्रसारण भवन के इस समारोह में स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया। बाल भारती स्कूल मानेसर के बच्चों ने संगीतमय काव्य गान प्रस्तुुत कर अपने श्रद्धासुमन गांधी को अर्पित कर इस समारोह को ओर भी अवस्मरणीय बना दिया।
गांधी स्मृति मेें आयोजित इस समारोह में प्रति वर्ष दिये जाने वाले लोक सेवा प्रसारण पुरस्कार का आयोजन भी किया गया। इस बार गांधी दर्शन श्रेणी का पुरस्कार डोमनीक नोमस की गांधी-फु ट सोल्जर को दिया गया। वहीं लोक सेवा प्रसारण श्रेणी का पुरस्कार जम्मू रेडियो के संदीप शर्मा की प्रस्तुति जीवन रेखा को दिया गया। इस पुरस्कार आयोजन के साथ ही लोक सेवा प्रसारण दिवय का समापन हुआ।
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