Monday, 27 October 2014

Todayz class at 1


WTA में सानिया की शानदार जीत, PM मोदी ने दी बधाई

टेनिस स्टार सानिया मिर्जा के लिए यह साल बहुत ही खुशियोंवाला साबित हुआ. टेनिस कोर्ट पर गजब का प्रदर्शन करके सानिया ने इस साल कई खिताब जीते. रविवार को हुए डब्‍ल्यूटीए फाइनल्स में सानिया ने कारा ब्लैक के साथ मिलकर महिला डबल्स का खिताब जीता. इस उपलब्धि को हासिल करनेवाली सानिया भारत की नंबर 1 महिला टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं.
सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को डब्ल्यूटीए फाइनल्स जीतने पर बधाई देते हुए उनके शानदार प्रदर्शन की तारीफ की है. मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि डब्ल्यूटीए फाइनल्स जीतने के लिए आपको बधाई सानिया मिर्जा. यह एक और गर्व भरी उपलब्धि है. पीएम मोदी की बधाई मिलते ही सानिया ने भी तुरंत पीएम को धन्यवाद दिया.

Sunday, 26 October 2014

                       हरियाणा में एक और लाल: मनोहर लाल  खट्टर  

  हरयाणा में पहली बार भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में श्री मनोहर लाल खट्टर ने पद और गोपिनियता की शपथ ली । श्री खट्टर हरयाणा के 10 वें मुख्यमंत्री होंगे । जाट लैंड में खट्टर नॉन जाट मुख्यमंत्री हैं ।  

           मनोहर लाल खट्टर का जन्म  १९५४ में हरयाणा के रोहतक जिले के निन्दाना गौव में हुआ था । निन्दाना महम तहसील में है । इनके पिता श्री हरवंश लाल खट्टर १९४७ के भारत पाक विभाजन में पाकिस्तान से आये थे । इनका परिवार बाद में रोहतक के बनियानी नमक गौवं में बस गया । यंहा इनका परिवार खेती का काम करता था । 

                          खट्टर जी  रोहतक के पंडत नेकी राम शर्मा राजकीय विद्यालय से मेट्रिक की परीक्षा उतीर्ण की । इसके बाद वे डेल्ही आ गए । यंहा वे सदर बाजार के पास अपनी दुकान खोली । उन्होंने डेल्ही विश्वविद्यालयसे बैचलर की डिग्री ली । 

                 १९७७ में २४ वर्ष की अवस्था में वे आरएसएस की सदस्यता ली । तिन साल बाद वे पूर्ण प्रचारक  बन गए प्रचारक होने के कारण वे आजीवन अविवाहित रहे । 14 वर्षों तक वे प्रचारक की भूमिका में रहे । १९९४ में पार्टी के मुख्यधारा में शामिल हुए । २००० से २०१४ तक हरयाणा महासचिव के पद पर रहे।  २०१४ के लोक सभा इलेक्शन में भाजपा हरियाणा चुनाव समिति के अध्यक्ष रहे । श्री खट्टर भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे है । 

                  २०१४ के हरयाणा विधान सभा चुनाव में खट्टर करनाल से विजय हुए हैं । उन्होंने अपने निकटतम प्रतिधंदी incके सुरेंदर सिंह नरवाल को ६३७३६ वोटों से पराजीत किये । 

                      जाट लैंड में खट्टर ने मुख्यमंत्री का ताज पहना  

   हरयाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतहासिक तथा अभूतपूर्व जीत के बाद श्री मनोहर लाल खट्टर पंचकुला में आयोजित भव्य मेगाशो में मुख्यमंत्री के पद तथा गोपनीयता की शपथ ली । मोदी के पुराने साथी तथा संघ प्राचारक खट्टर हरयाणा के 10 वे  मुख्यमंत्री होंगे । इनके साथ 9और मंत्रियों ने भी शपथग्रहण किया । खट्टर के इन नवरत्नों में 6 कबिनेट स्तर के तथा 3 राज्यमंत्री {स्वंत्रत प्रभार } हैं  । कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व राज्यसभा सांसद बिरेंदर सिंह की पत्नी प्रेमलता को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया । ऐसे कयास लगाये जा रहे थे की उन्हें "मनो टीम "में शामिल किया जा सकता है । प्रेमलता उचाना कलां से विधायक है समारोह में पी ऍम मोदी:पार्टी अध्यक्ष अमित शाह आडवाणी मुरली मनोहरजोशी तथा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए । 

                                     खट्टर भी "मिनिमम गवर्मेंट मैक्सिमम गवर्नेंस " के सिधांत का अनुसरण करते हुए छोटा मंत्रिमंडल का गठन किये है । ज्ञात हो की हुड्डा कल में 14 मंत्री तथा 9 सीपीए बनाये गए थे । 

                  समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेंदर सिंह हुड्डा तथा उनके पुत्र और रोहतक से सांसद दीपेंदर हुड्डा को भी आमंत्रित किया गया था । लेकिन वे नहीं पंहुचे मंच पर उनके लिए अलग से कुर्सियां भी लगाई। गयी थी । जब पूर्व मुख्यमंत्री से पुचा गया तो उन्होंने दावा किया की उन्हें समारोह में बुलाया ही नहीं गया ॥ 

                                      अब झारखण्ड और कश्मीर की  बारी   

                                       पांच चरणो में होगें चुनाव  

   झारखण्ड तथा जम्मू कश्मीर में 25 नवंबर से 20  दिसम्बर  के बीच वोट डाले जायेंगे । मुख्या चुनाव आयुक्त  वी एस संपत  ने चुनाव  के  तारीखों की घोषणा की । २५ दिसंबर को डेल्ही के ३  सीटों  लिए भी  उपचुनाव होंगें  
  वोटों  गिनती 23 दिसंबर  होगी । 
                                   जम्मू कश्मीर में चुनाव तारीखों  लेकर सत्तानशीन नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आपत्ति जताई । जम्मू  कश्मीर  के मुख्यमंत्री  उमर अब्बदुल्ला ने  ट्वीट   करके कहा की चुनाव से पहले बाढ़ पीड़ितों के लिए  पुनर्वास की आवस्यकता थी ।लेकिन चुनाव आयुक्त का मत  था की जम्मू कश्मीर में आयोग ने हर पहलु से समीक्षा की । विभिन्न राजनितिक दलों से भी चर्चा हुईं जिनमे से अधिकत्तर का मत था की चुनाव होना चाहिए। आयोग उसी परिप्रेक्ष्य में फैसला लिया । 
            लेकिन चुनाव आयोग के सामने जो सबसे ज्वलंत चुनौती है वो आतंकी तथा नक्सली समस्या को लेकर । दोनों राज्य क्रमशःआतंकवाद तथा नक्सली समस्या से ग्रसित है । दोनों राज्यों में एक साथ चुनाव करवाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती होगी 

                                                                        हार    जीत   

                       अब जीत कैसी 

                           अब हार कैसी 

                       कृत्रिम  सभ्यता  के लिये 

                        ये फसाद ये तकरार कैसी 

                           प्रतिस्पर्ध के इस दौड़ में 

                              तनाव कैसी दौड़ भाग कैसी 

                                 जो भी  आया है 

                                     इस संसार में 

                      शास्वत सत्य है जायेगा एक दिन 

                            फिर इतना अभिमान अहंकार कैसी 

                         प्यार विनम्रता का मोल खो चुके मानव 

                  फिर तुम्हारी ये सभ्यता कैसी समाज कैसी 

               

                     

Friday, 24 October 2014

गोवर्धन  पूजा

प्रकृति हमारे जीवन का  आधार है । हमारे जीवन व्यवस्था को तथा  संसार को खुशहाल और समृद्ध बनाने में  मनुष्यों के साथ साथ पशु पंक्षियों तथा पेड़  पौधे का  अनमोल योगदान होता है। हमारे हिन्दू धर्म का दर्शन रहा है की हम प्रक्रृति के महत्व तथा उसके महत्ता को आस्था तथा श्रधा के रूप में दर्शाते है। हम अपनी आस्था तथा उनकी महत्ता को उजागर करने के लिए पेड़ पौधे तथा जानवरो को भी भगवन का दर्जा दे देते है और उन्हें पूजते है। इस परम्परा के बहुत ही अद्भुत उदहारण हम अपने धार्मिक मान्यताओ में देखते है। हम इन मान्यताओं को खास पर्व तक का रूप दे देते है जैसे नाग पंचमी गोवर्धन पूजा  या नीम के  या पीपल के पेड़ को धार्मिक महत्व  देना । कहने के लिए तो यह बस एक धारणा  मात्र  है। शायद इस भौतिकवादी  तथा वैज्ञानिक  काल  में हमें ये आतार्तिक लगे लेकिन इन उत्सवों का धार्मिक के  साथ साथ सामाजिक तथा वैज्ञानिक महत्व भी है।                                        इनका महत्व तथा ये खास उत्सव मनुष्य तथा प्रकृति बीच समन्वय तथा सहकारिता की  वकालत करता है। ये धार्मिक पर्व प्रकृति तथा मनुष्य के बीच संतुलन तथा संतुलन व्यवस्थित न होने पर इनके गंभीर परिणामो की चेतावनी की कहानी तथा भविष्यवाणी करते है। ऐसी प्रकृति तथा मनुष्य के अटूट रिश्ते की कहानी दीवाली के कल हो कर मनाई जाने वाली प्रसिद्ध गोवर्धन पूजा भी  कहती है। आइये आज गोवर्धन पूजा के महत्व इतिहास तथा आज के परिवेश में यह कितना महत्वपूर्ण है इसकी चर्चा करते है।                             गोवर्धन का दो मतलब निकलता है । एक तो गोवर्धन पर्वत जिसका पौराणिक आर्थिक तथा सामाजिक महत्व है। दूसरा अर्थ गो +वर्धन गो अर्थात गाय  वर्धन का मतलब पोषण । दोनों ही अर्थ भगवन कृष्णा से सम्बंधित है। गोवर्धन पूजा को लेकर बहुत सी पौराणिक कथाएं जुडी है। कहा जाता है द्वापर में भगवन कृष्णा अवतरित हुए थे।  इस कल भगवन इंद्र की पूजा होती थीं । इंद्र वर्षा के देवता माने जाते है। कहते है की इंद्र को अहंकार आ गया थ। इंद्र अपने क्रोध का भय दिखा कर खुद मान  मर्यादित करवाता थ। कृष्णा को यह पसंद नहीं थ। उनका मत था  इंद्र अप्रतक्ष्य देव है तथा  वर्षा करवाना इनका कार्य ही है। ये कोई  महत्ता नहीं है। भगवन का तर्क था की इनसे ज्यादा महत्वपूर्ण गो माता तह गोवर्धन पर्वत है। गोवर्धन गौ को भोजन की  व्यवस्था करता है तथा गाय माता  अमृत स्वरुप दूध दे कर हमें पोषित करती है । श्री कृष्णा ने इंद्र की पूजा बंद करवा दी  इससे क्रुद्ध हो कर इंद्र गोकुल में प्रलयकारी वर्षा प्रारम्भ कर दिए । लगातार वर्षा से प्रलय की स्थिति उत्पन्न हो गयी जान मानस पीड़ित होने लगे । इंद्र लगातार सात दिनों तक अपने कार्य का दुरूपयोग करता रहा । तब श्री कृष्णा अपने उंगली से गोवर्धन पर्वत उठा लिए । इस पर्वत के निचे गोकुलवासी  पशुओं के साथ आकर रक्षित हुए ।अपने  प्रयास में असफल हो   कर  इंद्र लज्जित हुआ तथा यह मान  लिया की यह कोई इंसान नहीं साक्षात भगवन है। कहते है की जब इंद्र मुश्लाधार वर्षा करवा रहा था उस समय भगवन का सुदर्शन गोवर्धन के ऊपर वर्षा को नियंत्रित कर रहा था तथा शेष नाग मेड़ो तक   पानी पहुँचाने का काम कर रहे थे । और उसी दिन से गोवर्धन पूजा की  परंपरा विकसित हुई ।                                                                                                                                                                     गोवर्धन पूजा मुख्यतः पंजाब हरयाणा उत्तर प्रदेश तथा बिहार में  मनाया जाता है। महाराष्ट्र में यह बलि प्रतिपदा के नाम  से मनाया जाता है और इस दिन पति अपनी पत्नियों को उपहार देते है। हरयाणा तथा गुजरात  यह नव वर्ष के रूप में भी मनाया जाता है क्योंकि विक्रम संवत इसी  दिन से शुरू हुआ था ।
              इस  पूजा का उदेश्य यही है की  हमें पर्वत तथा पशुओं के योगदान को स्मृति में रखना ही होगा । इसी कारण इस दिन गाय  बैल को नहा  कर रंग  लगाया जाता है तथा  गले की रस्सी को बदला है । गाय और बैल को इस दिन चावल तथा गुड  खिलाया जाता है।
               हम गोवर्धन पूजा का महत्व सिर्फ धार्मिक रूप में नहीं देख सकते इसके और  सामाजिक तथा प्राकृतिक आयाम भी है। हम इस दिन गायों की पूजा करते है ।शास्त्रो में  गाय को उतना ही पवित्र माना  गया है जितना की नदियों में गंगा को । गाय को  माता लक्ष्मी का स्वरुप भी कहा गया है  देवी लक्ष्मी जिस प्रकार  सुख समृधि  देती है उसी प्रकार गौ माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रुपी धन  प्रदान करती है। गाय सम्पूर्ण मानव जाति के लिए पूजनीय तथा आदरणीय है। हम   इन्हे माँ का दर्जा  देते है ।
                     हमारे देश में गो हत्या पर प्रतिबन्ध है पर हमारे देश  के कई हिस्से में चोरी छिपे गो हत्या की जाती है । आइये हमारे हिन्दू धर्म  इस अद्भुत दर्शन जिसमे हम पर्यावरण  की तथा प्रकृति की सहज रिश्ते की बात करते है को एक संकल्प पर्व के रूप में मनाएं । हम एक संकल्प ले की हम अपने स्तर पर  गो रक्षा की भरपूर कोशिश करेंगे तथा प्रकृति  मनुष्य के सम्बन्ध को और अधिक सहज बनाने का  प्रयास करेंगे
             
         

           शुभमंगल से शुध्मंगल तक                                                            

            हर घर में अब दीप जले
         उन्नति पथ पर देश चले
   लौ बने सम्मान का सूचक
  पुरुषार्थ हमारा तेल बने
       आस्था के इस परकाष्ठा को
      आओ चले दिव्यार्थ करे
    मन के तन के कालिमा को
    दिव्या प्रकाश से दूर करे
    ऐसे संवारे इस संसार सभ्य समाज को
   जंहा हर आँगन में भीड़ बढे
    उस भीड़ में शामिल रमा गणेश 
   रिधि सिदिः व शुभ लाभ रहें
    इनके आशीष और मंगल्धाव्नी सुन
   मंगलमय संसार रहे
   शुभ मंगल हो सुध्मंगल हो
   हेम तो बस उल्लास करे

   

Thursday, 23 October 2014

अन्धकार से युद्ध यह चलता रहे



पर्व है पुरुषार्थ का
दीप के दिव्यार्थ का
 
देहरी पर दीप एक जलता रहे
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे
 
हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा
जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा
 
दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है
कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है
 
आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए
प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!!
 
झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना
आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!!
दीपोत्सव की शुभकामनाएं!!
 


कवि- विकास गाँधी

Monday, 20 October 2014

स्त्री पुरुष असमानता का खेल

  •                                                                                                                               खिलौना  शव्द जेहन में आते ही हम अपने उस निश्छल निश्वार्थ अतीत में खो जाते है  जिसे बचपन कहते है  खिलौनों  के लिए पागलपन या खिलोनो  के लिए  बाप से चिरौरी  प्रतिशत  को स्मरण होगा                                                 खिलौना तो ऐसे  बस एक बाल मनोरंजन का  साधन मात्र लगता है  कहिये तो इसके बहाने बचे थोड़ी देर तक माँ  बाप को भूल कर  दुनिया में मस्त मगन हो जाते है  बच्चों के मनोरंजन के सबसे सुगम तथा सुलभ साधन है ये खिलोने  खिलौना हर वर्ग हर समुदाय के बच्चों के लिए होता है लेकिन एक सवाल जो मेरे मन में हमेशा कौंधता रहता है की  खिलौने   मनोरंजन मात्र के साधन है तो  लड़को के लिए अलग  तथा लड़कियों के लिए अलग खिलोने क्यों ? अमूमन लड़कों लिए  उग्रता के प्रतिक वाले खिलौने  तथा लड़कियों  लिए सौम्यता के प्रतिक वाले खिलौने  क्यों निर्धारित किये  है। हम खुद से ही ये धारणा  लेते है की लड़कियों के लिए गुड़िया घरेलु सामान वाले खिलोने तथा लड़कों के लिए  बन्दुक मोटरबीके उपयुक्त है ।                                                                                                                   क्या यह धारणा या मान्यता पक्षपात पूर्ण नहीं है ? क्या यह मान्यता पुरुष प्रधान समाज को  दर्शाती है ?खिलौने   भेद भाव तो यही दर्शाता है की लड़कियां कमजोर शर्मीली या नाजुक है उन्हें हलके काम करना  घर सम्भालना  पसंद होता है। दूसरी ओर  लड़कें कठिन काम करने वाले तथा ज्यादा मजबूत होते है। हमारी यह सोच शैशवावस्था में  ही विभेद को जन्म देती है। एक  तथा अनसुलझे सत्य को स्थापित करती है। शुरुआत में ही जब उनका मन  होता है उसी समय से उन्हें यह ज्ञात करवाने की कवायद शुरू कर दी जाती है ।एन खिलोने के माध्यम से उनके बल मन में ये जटिलता  पनपा  जाती है की तुम लड़का और ये लड़की हो। तथा तुम्हारे मध्य एक गहरी रेखा है जो उनके तरुणावस्था आते आते और गहरी होती चली जाती है।  बहुत  से विचारकों का मत है की खिलौना केवल मनोरंजन का साधन मात्र नहीं होता है।  बल्कि यह व्यक्तित्व के निर्माण की प्रक्रिया का एक अंग होता है। जिस तरह व्यक्तित्व के निर्माण में शुरूआती शिक्षा  महत्वपूर्ण योगदान होता है उसी तरह खिलौना का भी अहम भूमिका होता है।                                                                                                              लड़कियों  जीवन पर ये खिलोने एक अमिट तथा व्यवहरात्मक प्रभाव डालते है। हम लोग सामान्यत यह देखते है की गुड़िया को छरहरा फिगर चटकदार साज श्रृंगार तथा आकर्षक कपड़ों में बनाया जाता है। इनकी आकृति को सौम्य नाजुक तथा हंसमुख बनाया जाता है।  बच्चियां गुड़िया को ही दोस्त समझती साथ खेलती है  उसका अनुसरण करने लगती है। धीरे धीरे गुड़ियों का ये हाव भाव  श्रृंगार  जीवन  हिस्सा बनना शुरू हो जाती है। गुड़ियों की तरह उनके स्वाभाव में भी कोमलता आने लगती है। दूसरी ओर  लड़के हमेशा बन्दुक बाइक  जहाज  खिलौने  से खेलते है ।ये ऊर्जा तथा उग्रता के प्रतिक खिलौने लड़कों के मनःस्थिति  धीरे धीरे ऐसी रूप में विकसित करवाता है। मई यह पूछना चाहता हूँ की क्या बच्चे खिलौने खुद  निर्धारित करते है? नहीं हम उन्हें देते है। हमें बालिकाओं के हाथों  गुड़िया या किचेन सेट ही ज्यादा तर्कसंगत लगता  हम उन्हें भी मोटर बाइक या बन्दुक नहीं दे सकते? दे सकते है पर हमारे अंदर ये लिंग भेद शुरू से ही हावी  है।                                                               आज स्थिति  रही  थोड़ी संतुष्टि तो मिलती है पर दिमाग में फिर  उठता है की अन्य कारकों के साथ साथ खिलौने   लड़की के पैदा   होने के साथ  उसमे भेद भाव देखने लगता है। उसी समय से उसे कमजोर निसहाय नाजुक डरपोक तथा घर तक सिमित रहने वाली अबला के रूप में चिन्हित करने लगता है।  मई ये नहीं कहता की ये साजिश या कुरीति  बस अनजाने  में किया गया भूल है । लाडले अगर कुलदीपक है तो ललनाएँ उसकी लौ से काम नहीं है।  भेद भाव क्यों? अगर ये आगे आएंगी तभी एक उन्नत तथा परिभासित समाज और राष्ट्र  का निर्माण हो पायेगा ।                                                                                                

Tomorrow 3 classes at 1.30/2.30/3.30 by Roshan-Amar Ujala/ Sanjay Jha-American TV Broadcater/ Novy Kapadia


Sunday, 19 October 2014

                                      खिलौना                                                                                    

Thursday, 16 October 2014

event


The Entertainment & Media committee in association with Marwah Studio is organizing an Interactive Session with Pankaj Parashar, a renowned film director on
17th October, 2014  at PHD House, New Delhi.

Wednesday, 15 October 2014

todayz class will start at 1.30


THE UNBELIEVABLE INDIAN PRODUCTS

Asia's largest B2B fair , the International Handicrafts and Gifts Fair (IHGF) surprised me like nothing before, the purely Indian made items ranging from metalwares to carpets to jewelleries. They where more beautiful than of any other country , their quality, finishing was perfect. More than 2700 exhibitors where their displaying their products, while on the otherside more than thousands of foreign buyers from USA , Europe ,Middle east and many more, attended to source the requirements.
Interesting I met Sangay Palden and her husband, from Sikkim . They came to display there 100% organic lamp made up of seeds from Oroxylum Indicum and bamboo. Sangay palden claims her self to be first one to make such lamp. Another Exhibitors Kazim from Moradab was busy trying sell his Metal Wall Clocks.
One Buyer from Sweden said he believe India metalware have no match from other part of the world. Many buyers where interested in Rugs and carpets. Unique furniture designs attracted many buyers.
The event will be till 18th of this month, Export Promotion Council for Handicraft , EPCH  who has organised this event who is trying to promote exports, and has a major contributors in the rise of Indian handicrafts exports. Yet many things new improvement such as better event management and organisation.
Together with Exportors, artisans and agents can help EPCH make improvements in handicraft's exports.

ISL 2014 Delhi Dynamos vs Pune city Football draw in third Match

 
 

 
 
footaball  refres  to a number of sports that involve, degrees, kicking a ball with the foot to score a ball. The most popular of these sports worldwide is association football; more commonly known as just "football “. However, on 29 October 2013, it was announced that the ISL would be postponed to September 2014.At first, it was announced that bidding for the eight Indian Super League teams would be complete before the end of 2013.Finally, in early April 2014, the winning bidders were announced the selected cities/state in the end were Chennai, Delhi, Goa, Guwahati, Kochi, Kolkata, Mumbai, and Pune. The league officially started on 12 October 2014 at the salt lake stadium with a match between Atletico de Kolkata and Mumbai city. Second match was at the Indira Gandhi stadium in Guwahati with a match between North East united and Kerala blasters.On Tuesday, however, the two Juventus legends will come up against each other and that too in India's capital Delhi as the Indian Super League throws up another mega heavyweight battle in the shape of Delhi On Tuesday, however, the two Juventus legends will come up against each other and that too in India's capital Delhi as the Indian Super League throws up another mega heavyweight battle in the shape of Delhi Dynamos FC vs FC Pune City.
  Delhi Dynamos and FC Pune City shared the spoils at the Jawaharlal Nehru Stadium, Delhi as they played out an exciting goal-less draw. The best moment of the game towards the closing stages as substitute Gustavo Marmentini saw his left footed shot came off the vertical framework as FC Pune City goalkeeper Emanuele Belardi was left strande. Match 3 of the ISL is scheduled begin at 7pm IST with live coverage on Stars sports2,Stars sports3, Stars sports HD2, Sarvana Plus, Asianet movies and Jalsha movies.


      

 
Delhi as they played out an exciting goal-less draw. The best moment of the game towards the closing stages as substitute Gustavo Marmentini saw his left footed shot came off the vertical framework as FC Pune City goalkeeper Emanuele Belardi was left stranded. The match was start at 7pm . I was saw the match was very intresting firstly the 13 minutes have no goal and the 25 min hs no goal. In stadium there is no more people  to watch the match and otside the satdium the some people was sold the tickets in black. I was come the 8 pm because im getting late to home.  




 


 
 



Tuesday, 14 October 2014

3 makes 0

 FC Pune city hold Delhi Dynamos to a goalless draw in third match 


Football has become part of the prestigious professional sporting leagues in India when the announcement was made about the eight franchisees of All India Football Federation's Indian Super League (ISL) on last Sunday. It features eight franchise teams from all around India.The league runs from October to December, with a finals series determining the champion.The Indian Super League was officially launched on 21 October 2013 by IMG-Reliance, STAR Sports, and the AIFF. It was also announced that the league would take place from January 2014 to March 2014. However, on 29 October 2013, it was announced that the ISL would be postponed to September 2014.At first, it was announced that bidding for the eight Indian Super League teams would be complete before the end of 2013.Finally, in early April 2014, the winning bidders were announced the selected cities/state in the end were Chennai, Delhi, Goa, Guwahati, Kochi, Kolkata, Mumbai, and Pune. The league officially started on 12 October 2014 at the salt lake stadium with a match between Atletico de Kolkata and Mumbai city. Second match was at the Indira Gandhi stadium in Guwahati with a match between North East united and Kerala blasters.







 The first two matches of the Indian Super League (ISL) 2014 have shown us that the level of competition in football has risen in India.Now turns attention toward the capital of India.The third match of the Indian Super League played between Delhi Dynamos and FC Pune City here at the Jawaharlal Nehru Stadium on Tuesday ended in a goalless draw.Tennis star Sania Mirza among the crowd to cheer for the ISL clash.With lots of empty seats and Delhi crowd not as enthusiastic as Kolkata and Guwahati, it surely needed something to shout for, and the home team's coach provided that in the 38th minute when the former Italian and Juventus legend Del Piero came from the bench to replace Morten Skoubo.  Smooth start by both the sides.Both sides eyeing early lead but no goal in first ten minutes.Delhi Dynamos look pretty strong but have missed several chances. No goal in first 25 minutes Loud cheer from stadium for Alessandro Del Piero. Mads Junker had picked up an injury. After first half close, no goals is scored.In the first half, Delhi got their first chance of the game in the 13th minute but nobody was there to slot the ball in. After first half both the team went into half time level at 0-0.The second half started with Pune creating the first opportunity but Israil Gurung's cross was cleared away by Anwar Ali. But unlike the first half, play in the second was slow and restricted to the middle of the park. Delhi would be disappointed that they failed to make their chances count while a point away from home wouldn't be a bad result for Franco Colombo's team. so the match was draw and the score is 0-0 but It was a tough game and conditions were pretty tough for both the teams.













from my side that was the amazing and phenomenal experience for me to see a live match first time but i m a girl and for the security regions i was put up at 8:00 pm. Because of my cell phones bettry problem even i can't click the pics but that experience was awesome and both the teams were good and play well.





Sunday, 12 October 2014

ISL opening ceremony

It was an evening to remember for the people residing in ‘Mecca of Indian Football’ as a riot of colours lit the Salt Lake skyline with much awaited Indian Super League (ISL) doing everything possible to strike the right chord with the football afficianado.Touching the hearts of the football-loving crowd, chairperson of IMG-Reliance and founding Chairperson of Football Sports Development (ISL) Nita Ambani formally declared open the ISL.“Ami Indian Super League er Subho Suchona Korchi (I declare the auspicious opening of ISL) -- I formally declare the Indian Super League open,” she said surrounded a rare amalgamation of Bollywood and cricket and world football celebrities who represented the eight franchises.The fireworks lit up the sky in a full capacity Vivekananda Yuva Bharati Krirangan to conclude a 45-minute opening ceremony as the 70,000 capacity crowd were treated to some eye-catching visual extravaganza.With chants of ‘Sachiiiiin, Sachiiiiin’ reverberating the colossal stadium which had the earlier capacity of 120,000 now reduced to 72,000, crowd gave a standing ovation to the retired legend.For a moment, it felt Tendulkar was once again going into the middle to take guard before the reality took over as clad in yellow t-shirt Tendulkar and his Kerala Blasters marquee player David James made the entry into the centre podium.Bollywood diva Priyanka Chopra was the highlight of the show as she made a grand entry with Bollywood chartbusters ’Tune Mari Entriyaan’, ‘Ram Leela’ before welcoming the crowd in Bengali style -- ‘Kemon achen Kolkata!’Starting with Atletico de Kolkata, Priyanka called the team owners one by one on to the centre stage and quipped to Sourav Ganguly: “Dada chose to own a football team because he can remove jersey whenever he wants...”Ganguly-Luis Garcia (Kolkata) were followed by Parineeti Chopra and Italian World Cup winner Alessandro Del Piero (Delhi).John Abraham was paraded alongside New Zealand marquee manager Ricki Hebert (Guwahati), Dattaraj Salgaocar and Robert Pires (Goa), Abhishek Bachchan and marquee player Elano Blumer (Chennai), Hrithik Roshan and French World Cup winner David Trezeguet (Pune), Ranbir Kapoor and Fedrik Ljungberg (Mumbai) and Tendulkar -- David James (Kerala) were called one by one by star perfomer Priyanka.The ceremony began at 5.20 pm with West Bengal chief minister Mamata Banerjee, ISL founding chairperson Nita Ambani, AIFF president Praful Patel and Atletico de Kolkata co-owner Sanjiv Goenka leading on the centrestage to convey their heartfelt thanks.Urging the country to promote the sport, CM said: “Thank you so much for choosing Kolkata for the opening ceremony. Lets’ love football, eat football, think football, sleep football and drink football.”Terming it a dream come true, Patel said: “This is a dream come true. It’s a great opportunity for us to take this game to every corner of the city. Special thanks to Nita Ambani and IMG-Reliance.“I will assure that we will not leave any stone unturned to make this ISL a super success.The performance by the children culminated in a dramatic formation of the ISL logo.The memorable opening ceremony came to a close amid fantastic fireworks, with a special rendition of the League anthem being performed by Salim Merchant.Also present in the gathering were honourable Minister of Youth Affairs and Sports Sarbananda Sonowal.





Atletico de Kolkata

Former Indian cricket captain Sourav Ganguly’s Atletico de Kolkata, with its association with the current Spanish La Liga champions and being the representative of the football capital of India will surely have a mountain of expectation to live up to in thA heavy Spanish influence is prevalent in the team that starts with their coach, Antonio Lopez Habas. The veteran gaffer has vast amount of managerial stints in national and club football, which includes Valencia. The Indian contingent also got the chance to train in Atletico Madrid’s home ground Vicente Calderon recently. As for the squad, defence is the team’s USP and possesses a plethora of rock-solid players who can patrol the backline with distinction Indian Super League (ISL). The Indian contingent comprises of Arnab Mondal, Denis Franco and Biswajit Saha – all of whom have made their presence felt in Indian football. The midfield is not far behind either. India’s Climax Lawrence, whose was one of the key figures in Indian football over the last decade is a part of the team. The younger players include Calvin Lobo and Sanju Pradhan, who has been earmarThe fans of the Reds will remember the Spaniard for his wonder-strikes. He was equally erratic too and has yet another chance to salvage some pride as Garcia is a tad younger than the other marquees in the ISL.ked for great things in the future. The striking options are a quite the polar opposite of Atletico Madrid, who always have a goal-machine leading the line. East Bengal’s Baljit Sahni, Mohammad Rafi and Mohammad Rafique are just about adequate and it remains to be seen what Ethiopian Fikru Teferra can come up with.














Mumbai City FC


Mumbai City FC, is one of the eight football teams participating in the inaugural season of the Indian Super League. The team is co-owned by Bollywood actor Ranbir Kapoor and renowned Chartered Accountant Bimal Parekh, who are also overseeing its operations. The team will be playing their home matches at the DY Patil Cricket Stadium in Nerul, Navi Mumbai, which has a capacity of seating 55,000 fans. Former Everton and Manchester City midfielder Peter Reid was roped in as the manager with Steve Darby as his assistant.Other foreign recruits include, goalkeeper Andre Pereira, defenders Pavel Cmovs (Czech Republic), Ilias Pollalis (Greece), Johan Letzelter (France) midfielders Tiago Ribeiro (Switzerland), Jan Stohanzl (Czech Republic), Francisco Luque (Spain) and Argentinean forward Diego Nadaya. The Indian contingent of Mumbai City FC includes home boy, Raju Gaikwad, who has notched up over 22 appearances with the national team. Another regular player from the national set-up is the versatile wing back Syed Rahim Nabi and goalkeeper Subrata Paul; the pair have thrice won the Nehru Cup












Today Kolkata wins the football match


Kolkata Won the match emphatically by 3-0 margin courtesy Arnal Llibert’s quick counter attack. Mumbai  are probing and they are caught in the counter with a flood of Kolkata players rushing to the opposition territory and its a goal. It was a three on one situation and Arnalt Libert simply has to tap the ball into the net and the final whistle is blown. Loud cheers as the first match of the ISL ends in a resounding 3-0 victory for the home side.










                  मीडिया चौपाल
नद्यः रक्षति रक्षतः। मानव जाति के विकास चाहे वो सामाजिक हो आर्थिक हो या राजनेतिक हो इसमे नदियों का योगदान बहुत ही महतवपूर्ण है। करोड़ो वर्ष पहले से लेकर वर्तमान काल तक नदियों के इस कलकल ध्वनिं ना जाने कितनी सभ्यताओं संस्कृति की गवाह बनी है। लेकिन आज इन्ही आश्रय देने वाली माता स्वरूपा नदियाँ अपने अस्तित्वा की लड़ाई अपने ही द्वारा विकसित समुदाय से लड़ रही है। इन्ही महत्वपूर्ण मुद्दों को केंद्र में रख कर i i m c द्वारा दो दिवसीय कार्यकर्म का आयोजित किया गया। कार्यकर्म का उद्देश्य पानी तथा नदियों की सम्सयायें तथा इसमे मिडिया की भूमिका ।इस कार्यक्रम का नाम ही मीडिया चौपाल रखा गया। यह मिडिया चौपाल का तीसरा आयोजन था। इस से पहले दो सफल आयोजन भोपाल में संपन्न हो चुके है। दिल्ली में हो रहे आयोजन को लेकर कार्यकम के सहभागी तथा आयोजनकर्ता काफी उत्साह में नज़र आ रहे थे। चुकी यह चौपाल था इसलिए दिल्ली को शहर नहीं प्रदेश के रूप में रेखांकित किया गया।
      मंच का संचालन श्री अनिल सौमित्र जी ने किया ।उपस्थित अतिथियों तथा सहभागियों को साधुवाद देने के बाद अपने ब्याख्यान में वो मिडिया चौपाल की उपलब्धियां तथा नदी और पानी को लेकर भविष्य की योजनाओं पर सभी का ध्यान कर्षण करवाया। श्री सौमित्र ने इस अतिसंवेदनशील मुद्दों में मिडिया की क्या भूमिका हो सकती है तथा मुख्यधारा से दूर पत्रकारिता की इस विधा को अन्य विधाओं के सामान कैसे खड़ा किया जाये इस पर व्याख्यान दिया। उन्होंने इसके लिए पत्रकारों की तकनीक क्षमता तथा प्रशिक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। मंच पर उपस्थित संत सिचेवाल द्वारा नदी पुनर्धार पर दिया गया व्याख्यान काफी महवपूर्ण था ।आपको बता दे की संत सिचेवाल का पूरा नाम बलबीर सिंह सिचेवाल है। ये पंजाब से आते है। इन्होने पंजाब में मृतप्राय 160 k m लंबी कलिबेन नदी का पुर्नोधार किया तथा नदी की कल कल्लाहत्ल्ट से उस क्षेत्र में फिर से हरियाली का संचार किया। संत सिचेवाल को उनकी सामाजिक कार्यों के लिये बहुत सारे सम्मानों तथा पुरस्कारों से नवाजा जा चूका है। उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति dr कलाम उनके कार्य कलापों से प्रभावित हो कर दो बार सिचेवाल से ब्यक्तिगत रूप से मिल चुके है। पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें डी लिट् की उपाधि से भी नवाज चुकी है। जनता इन्हे सड़क बाबा या इको बाबा के नाम से भी पुकारती है।
     श्री सिचेवाल अपने व्याख्यान में दूषित पानी से होने वाली बिमारियों तथा पानी को कम लागत में आसानी से शुद्धिकरण की बातें की। नदी की महत्ता को विस्तारित करते हुये उन्होंने गुरु नानक देव के वचन __पवन गुरु पानी पिता तथा धरती माता को दुहराया ।अपने वक्तब्य में 1974 की पानी एक्ट का स्मरण करवाया तथा जनता से जागरूक आशावादी तथा मार्गदर्शक बनने का आह्वान किया।
मंच पर आसीन प्रसिद्ध विज्ञान लेखक तथा भारतीय विज्ञान लेखक संघ के संचालक श्री विवेक श्रीवास्तव अपने संबोधन में मिडिया से संवेदनशील मसले तथा आम जनों के बिच मध्यस्था की भूमिका निभाने पर ज़ोर दिया साथ साथ ग्रामीण स्तरीय मिडिया चौपालों की वकालत की।
   वंही पानी को ही केन्द्रित कर बनाया गया वाटर पोर्टल के सीईओ श्री विश्वजीत घोष पिने की पानी की समस्या तथा इसके उपाय से सहभागियों को अवगत करवाया। उन्होंने पानी के मुद्दों को काफी राजनीतिक तथा व्यापक बताया तथा मीडिया से हासिये में रखे गए इस संवेदनशील मुद्दों को प्रकाश में लाने की पुरजोर वकालत की।
    वंही दूरदर्शन के अतिरिक्त महानिदेशक तथा साइंटिस्ट श्री मनोज पटेरिया ने मिडिया+विज्ञान का नारा दिया । अपने वक्तव्य में प्रदूषित पानी इस से होने वाली बीमारियाँ तथा इसके समाधान में सरकार आम नागरिक तथा मिडिया के योगदान की भी बिस्तृत चर्चा की। उन्होंने पानी तथा नदी को लेकर समाज में फैली भ्रांतियां तथा अंधविश्वास से उपस्थित गण को मुखातिब करवाये। उन्होंने मिडिया से नैतिक संस्कार तथा जनसंवाद पर बल देने की बात की।
       वेब दुनिया के संस्थापक श्री जयदीप कार्निक अपने अभी भाषण में यह विश्वास दिलाये की हासिये पर चला गया विज्ञान पत्रकारिता एक दिन मुख्यधार पत्रकारिता में शामिल हो सकती है तथा इसकाभविष्य बहुत उज्जवल है। अपने संतुलित लेकिन महत्वपूर्ण भाषण  में वे वेब दुनिया की 15 साल की उपलब्धि तथा इस समस्या में गाँधी जी के सिधान्तो की महत्ता पर बल दिये तथा गन्दगी संस्कारों से मुक्त होने पर बल दिया ।उन्होंने भारतीय भाषाई पताका के उध्वव की भी चर्चा की।
    वरिष्ठ पत्रकार जवाहर कॉल नदियों के महत्त्व तथा इसकी महत्ता पर बहुत ही सुगम तथा आम भाषाई अंदाज में प्रकाश डाला। उन्होंने बड़े ही सहज तरीके से बताया की अगर नदियों को छेड़ोगे तो नदियाँ खुद अपना ध्यान आकर्षित करवा लेती है। कश्मीर में हाल में ही आई विभीषिका पर चर्चा करते हुए बड़े ही गवई अंदाज में कहा की कश्मीर में खड़े पानी तथा बहते पानी के बिच संतुलन नहीं होने के कारन बाढ़ आई उन्होंने नदियों की आवाज सुन ने की वकालत की तथा देश में होने वाली विकास तथा पर्यावरण के बिच की मौलिक टकराव तथा प्रदुषण के दैनिक जीवन के हिस्सा हो जाने की आशंका जताई।
       उन्होंने गंगा के महत्व का गुणगान किया तथा बताया की विकास के नाम पर गंगा को बेचा जा रहा है। उन्होंने इस पर अपनी वेदना जताई। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया की इस मिशन छोटे पोर्टल ब्लॉग तथा वेब साईट ज्यादा कारगर साबित होंगे ।
     मच पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा से राज्य सभा सांसद तथा पूर्व पत्रकार श्री प्रभात झा अपने भाषण में ख़बरों के बिभिन्न आयाम की चर्चा की ।उन्होंने ज़ोर देते हुये कहा की नदियों या गावं का जीर्णोधार सिर्फ सरकार के भरोसे संभव नहीं है। समाज को उचाच्स्तारिय रूप देने में नागरिक की भूमिका मुख्य होती है। उन्होंने मृतप्राय आंतरिक लोकतंत्र में जान फूंकने तथा सिविक सेंस तथा वोटर सेन्स पर ब्याख्यान दिया।
         इनके अभिभाषण के साथ इस चौपाल का प्रथम सत्र समाप्त हुआ।

Saturday, 11 October 2014

Sportsz Power forum telecast today at 2.30 on E T Now

NEHRU GIRLS HOCKEY TOURNAMENT ,at shiva ji stadium

The Jawaharlal Nehru Hockey Tournament Society’s General Secretary, Shri Kukoo Walia has congratulated the Indian men’s hockey team for its grand success in the Incheon Asian Games where they won coveted gold and earned a direct entry for the 2016 Rio Olympics. Shri Walia also congratulated the Women’s team, which won the bronze medal and also made the country proud.





Thursday, 9 October 2014

Sports Workshop

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A dialogue of Indian classical dance with heritage monument Purana Qila, New Delhi

ANANYA: THE UNPARALLELED

A dialogue of Indian classical dance with heritage monument 
Purana Qila, New Delhi

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Wednesday, October 8 to Sunday, October 12, 2014 7 to 8.15 pm daily

Programme of group choreographies

1.    ​​Wednesday, 8th October 2014 - Bharatanatyam : Leela Samson & Spanda (Chennai)
2.    Thursday, 9th October 2014 - Manipuri : Priti Patel & Anjika (Kolkata) 
3.    Friday, 10th October 2014 - Mohiniattam : Neena Prasad and Sougandhika (Thiruvananthapuram)                                                    
4.    Saturday, 11th October 2014 - Kathak : Gauri Diwakar & Group (Delhi)
5.    Sunday, 12th October 2014 -Odissi : Sujata Mohapatra & Srjan (Bhubaneswar)

Wednesday, 8 October 2014

     एक और आनंद
आपने बिहार के आनंद कुमार का नाम तो सुना होगा ।सुपर 30 वाले आनंद कुमार बिहार के गौरव  ।आईये आपको एक और आनंद कुमार से मिलवाते है।
   9 फरबरी 2009 को सारण के आदर्श राजकीय मध्य विधालय में जब एक शिक्षक संजय पाठक का आगमन हुआ तो शायद वंहा से गुजरने वाली आवो हवाएँ भी नहीं सोची होंगी की एक नूतन प्यारी सी बदलाव की बयार चलने वाली है ।रोज सूर्योदय वाली किरने भी नहीं अनुमान लगाया होगा की उसकी कुछ तेज चोरी होने वाली है। आपको बता दे की सारण बिहार राज्य में है। सारण का इतिहास तो गौरवमय रहा है। यह राजेन्द्र बाबु की धरा रही है। पर विगत कुछ दशकों से यह अपराध तथा कुछ नामचीन बाहुबलियों के संघर्ष की भुक्तभोगी रहा है और यह बिख्यात से कुख्यात की ओर अग्रसर हुआ है।
   तो बात करते है उस ठंढी बयार की जब संजय पाठक विधालय में नियुक्त हुए तो वंहा उन्होंने कुछ लड़कियों को खेलते हुए देखा । चुकीं पाठक जी को खेलों में रूचि थी  तो उन्हें ऐसा लगा की एक प्रयास किया जाये इन लड़कियों को आगे बढाया जाये ।लेकिन स्कूल में प्रयाप्त सुविधा नहीं थी। जैसे तैसे करके प्रधानाध्यापक के सहयोग से उन्होंने जरुरी सामान एकत्र की और इन प्रतिभाशाली लड़कियों के साथ खेल के इस सफ़र का आगाज कर दिया ।
      संजय पाठक का हौसला जून 2009 में उस समय बुलंद हुआ जब पंचायत युवा क्रीडा में पहली बार यंहा की लड़कियों ने हिस्सा लिया तथा पुतुल और तारा खातून ने उस आभाव ग्रस्त स्तिथि में भी अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। पुतुल कुमारी 100 मीटर तथा 200 मीटर में और तारा खातून 800मीटर तथा 1500 मीटर में विजेता बनी। पुतुल तथा तारा ने जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय अंतर्जीला प्रतियोगिता में भाग लिया। इनका नाम स्थानीय अखबारों में आने लगा ।इस से उत्साहित होकर आस पास की  अन्य बहुत सारी लड़कियों ने भी खेल में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। अगस्त 2009 में ही करीब 40 से 50 लड़कियां संजय पाठक के पास आई और अलग अलग खेलों के लिये अभ्यास शुरू कर दिया।
     कहते है ना की जन्हा चाह वंहा राह कुछ ऐसा ही हुआ ।संजय पाठक की प्रेरणा लड़कियों के उत्साह तथा कुछ स्थानीय लोगो के सहयोग से एक सपोर्ट क्लब की स्थापना की गयी। इसका नाम रानी लक्ष्मीबाई सपोर्ट क्लब रखा गया। कुछ शुरुआती सफलता से प्रेरित हो कर श्री पाठक ने 19 नवम्बर 2009 को रानी लक्ष्मीबाई फुटबॉल क्लब की स्थापना की गयी। यह क्लब सारण की धरा का पहला महिला फुटबाल क्लब था ।और साथ साथ पहली महिला टीम भी। 2010 में यह बिहार फूटबाल संघ से पंजीकृत हो गया। और फिर शुरू हो गया अभावों पर प्रयासों की जीत का सिलसिला। साथ ही फुटबॉल के सफ़र का एक उन्मुक्त उडान।
    उड़ना और उड़ते रहना यही तो पंक्षी की पहचान होती है। और सच में फूटबाल के ये सभी निर्धन पंक्षी अब आकाश में उड़ने को तैयार थे। इस क्लब की कई लड़कियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन राष्ट्रीय और अंतररास्ट्रीय स्तर पर दर्शाया ।इस प्रयोग से उत्साहित हो कर संजय पाठक ने अन्य खेलों जैसे हैंडबॉल बॉल बैडमिंटन तथा थ्रो बॉल की भी टीम बनाये। इन सभी में भी यंहा की लड़कियों ने रास्ट्रीय तथा अंतररास्ट्रीय पटल पर अपने गुरु राज्य तथा देश का नाम गौरवान्वित किया। आईये हम इस आधुनिक भागीरथ तथा उनके भागीरथ प्रयास के कुछ परिणामों पर नज़र डालते है।
अर्चना कुमारी--अर्चना इस अभियान की ही परिणाम है। वह फूटबाल खेलती है। अर्चना स्कूल स्तरीय वर्ल्ड कप फुटबॉल खेलने फ्रांस जा चुकी है ।बिहार का प्रतिनिधित्व करते हुए अर्चना कई रास्ट्रीय प्रतियोगितायों में भाग ले चुकी है। अर्चना के पिता की इक छोटी सी दुकान है और इसी दुकान से उसके परिवार का गुजर बशर चलता है।
तारा खातून---- तारा फुटबॉल तो खेलती ही है साथ साथ हैण्ड बॉल में भी बिहार का प्रतिनिधित्व  कर चुकी है। अर्चना की तरह तारा भी स्कूल स्तरीय वर्ल्ड कप फुटबॉल खेलने फ्रांस जा चुकी है। तारा के पिता की पंचर की दुकान है और यही परिवार के भरण पोषण का साधन है।
विक्की कुमारी------विक्की भी फुटबॉल और हैंडबॉल दोनों खेलती है। विक्की राज्य स्तर पर फुटबॉल खेलती है और हैंडबॉल में बिहार का प्रतिनिधित्व करती है। विक्की नेशनल टीम में भी चयनित हुई है तथा नेशनल टीम के साथ मलेशिया खेलने जा चुकी है। विक्की के पिता किसान है।
धर्मशीला-----बहुमुखी प्रतिभा की धनी खिलाड़ी ।धर्मशीला फुटबॉल हैंडबॉल तथा थ्रो बॉल खेलती है। वह इंडिया की थ्रो बॉल टीम में शामिल हो चुकी है और मलेशिया में 5 टेस्ट भारतीय टीम की ओर से खेल चुकी है। इसके अलावे हैंडबॉल के sub juniour national तथा ईस्ट जोन इंटर स्टेट खेल चुकी है। फुटबॉल में वह गॉल्कॆपर है। फुटबॉल में भी स्टेट का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। धर्मशीला के पिता मोची का काम करते है।
पुतुल कुमारी----कैरीअर की शुरुआत एथलेटिक्स से। बाद में फुटबॉल खेलना शुरू किया ।इनका चयन बिहार टीम के लिये हुआ ।कई रास्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल ।फिर रास्ट्रीय टीम में भी शामिल हुई और प्रशिक्षण के लिये गांधीनगर गयी लेकिन पासपोर्ट नहीं बनने के कारण खेलने के लिये जॉर्डन नहीं जा सकी।
शकुंतला कुमारी----- ये भी फुटबॉल हैंडबॉल तथा एथलेटिक्स की चैंपियन है। ये बिहार हैंडबॉल टीम की ओर से हिमाचल तमिलनाडु हरियाणा आदि राज्यों में खेलने जा चुकी है। इनका चयन नेशनल टीम के लिये भी हो चूका है। जनवरी 2015 में भारतीय टीम के साथ खेलने जायेंगी। शकुंतला के पिता सब्जी बेचते है और इसी पर पूरा परिवार निर्भर है।
श्वेता कुमारी----अब तक 13 नेशनल  बॉल बैडमिंटन प्रतियोगिता में भाग ले चुकी है। आन्ध्र प्रदेश में इन्हे बेस्ट upcomming खिलाडी का भी ख़िताब मिल चूका है। श्वेता के पिता किसान है।
अमृता कुमारी---अमृता बिहार टीम के साथ कई रास्ट्रीय प्रतोयोगिताओं में भाग लिया है।2013 में उसका चयन इंडियन टीम के लिये हुआ था। एशियन कॉन्फ़ेडरेशन कप खेलने के लिये भी अमृता का चयन हुआ था और वह इंडियन टीम के साथ कोलोंबो में मैच खेल चुकी है। इसमे भारतीय टीम विजेता रहा था। इसमे अमृता को बेस्ट डिफेन्सपप्लेयर का पुरस्कार मिला था।
अंतिम कुमारी---बेहतरीन athlit वर्ष 2013 में रांची में आयोजित ईस्ट जोन एथलेटिक्स में अन्तिमा ने स्वर्ण पदक जीता था। बंगलुरु में कांस्य पदक 200 मीटर रांची में स्वर्ण पदक 2014 में हरिद्वार में 100 मीटर में स्वर्ण पदक। अन्तिमा के पिता तेल बेचते है।
रिंकू कुमारी---रिंकू कुमारी थ्रो बॉल खिलाडी है।
     ये कुछ नगीने थे। इनके अलावे भी बहुत सारी प्रतिभाएं कतार में है। पर संजय जी और इस क्लब का ये स्वर्णिम सफ़र बहुत ही मुश्किलों से भरा रहा है सबसे बड़ी परेशानी समाज की मानसिकता थी। बिहार का सामाजिक आर्थिक तथा राजनीतिक ताना बाना ऐसा बूना है की यंहा लड़कियों को खुले मैदान में अभ्यास करना भी मुश्किल होता था ।यंहा इस माहोल में लड़कियों को पढाया ही इसलिए जाता है की कम से कम उनकी शादी अच्छी जगह हो जाये। इस संकीर्ण मानसिकता में खेल को कार्रिअर बनाना मतलब बिल्ली की गले में घंटी बांधना के बराबर है। जब लड़कियां शॉट में practic करती थी तो कुछ रुध्हीवादी प्रकृति के लोग व्यंग और छिताकंसी करते थे। लड़कियों तथा संजय के चरित्र पर भी उंगली उठाई जाती थी। लोगो का यंही सवाल होता था खेलने से क्या फायदा होगा? शादी ब्याह में दिक्कत होगी। एक और परेसानी जतिबाद की थी ।इनमे अधिकांश लड़कियां निम्न जाति की है। सामंती प्रबृति के लोग इन्हे आगे बढ़ते देख रुंज होते थे और रोज नयी नयी बाधाएं खड़ी करते थे। इन सबके अलाबे संसाधनों की भी बहुत भारी कमी थी। इन प्रतिभाशाली खिलाडियों के अन्दर एक टीश है ना ही इन्हे कुशल प्रशिक्षक खेल सामग्री पोषक आहार और ना ही खेल का मैदान उपलब्ध है। लेकिन अपनी आत्मविश्वास कठिन मेहनत और आँखों में एक सपना लिये संजय पाठक तथा ये लड़कियां संघर्ष कर रहे है। मैच में विरोधी प्रतिदुन्धी के साथ साथ अभावों को भी चारो खाने चित्त कर रही है।
     हम संजय को आधुनिक भागीरथ कहें या दूसरा आनंद कुमार ।पर हम इनके भागीरथ प्रयास को  नज़रन्दाज नहीं कर सकते। हम उनके जज्बे को सलाम करते है। हमें उम्मीद है बिहार और भारतीय खेल प्रशासन एक ना एक दिन इन्हेएइंगित जरूर करेगा। और इन सबके लिये मै बस इतना ही कहूँगा।
            मानव तन है मन ब्याकुल है।
           दृढ विस्वास दिशा निश्चित है।
         लक्ष्य कठिन है लेकिन फिर भी।
        जीवन का संकल्प अडिग है।
       रुकना नहीं चलते रहना है
       मंजील दूर पर दुर्लभ नहीं है। ल

CAN MEDIA REDUCE TERRORISM?

From Yasser
The question may seem awkward when media is all about delivering the latest stories. Whenever any incident of terrorism occurs , the story hits the headlines and the breaking news. Did we ever thing how it effect the viewer's ? Just imagine of an afghan child watching the latest news from his local news channel. The moment the breaking news pops up with red color stating " An Islamic terrorist blew himself in busy crowd of foreign tourists in kabul." So how would this effect little child. For this we need to go back in the past of the child. Ever since childhood he was taught that Islam is the truth, your success is in Islam and you must follow it till death , without teaching what Islam really is all about. It's not that those teaching Islam weather it be parents or teachers hide Islam, they themself know almost nothing.
So who teaches the child Islam? Yes ofcourse the local Madrasa but where does he learn terrorism from ? I wound not speak on madrasa since my focus is on media. When word "Islamic " come from a news channel, the child remember Islam is the truth, success and must be followed. So whatever comes after the word "Islamic " the child is ready to accept it as truth and is ready to follow it. The next word usually is " Terrorism" followed by the the details of the incident, usually suicide attack , civilian deaths,
damaged cars and so on. Everything is connected to Islam. For the child everything is correct. No matter how ugly story of terrorism it be the child starts justifying it inside his innocent brain until he loses his innocence. Many may not believe in this, but imagine if the child is an orphan, his parents died from an American drone strike, would not news motivate him to be another terrorist ? This is why its no wonder why terrorism hiked in countries like Afghanistan, Iraq ,Syria ,Yemen and Pakistan after American invasions and main stream news associating Islam and terrorism . It0 is highly likely that media companies may not have intended so, probably the Americans must have intended something else too. After all one thing the world realised war doesn't end terrorism on opposite it only promotes. The world is yet to realise that associating terrorism with Islam is only promoting terrorism!
Where an air strike kills one terrorist it also kills twenty other innocent civilians who's brothers and sons become new terrorist. So it never decreased terrorists. Some what similarly media does the same thing, probably unknowingly. One terrorist incident  covered only promotes many others to do the same.
So should the media covering a terrorist incident be stopped? If it can decrease terrorism then I would support stopping the media covering the incidents. If we think carefully and ask ourselves would stopping the coverage of incidents really solve the problems ? It doesn't matter weather media covers the story or not. What matters is media can educate Muslims about Islam. Those who suicide if they knew Islam has no room for suicide and no room for killing innocent life's. More over Islam asks victims to be patient at times of hardship, to forgive their oppressors , to overlook others mistakes. If these messages reaches those who are likely to become terrorists, would they not change their decisions ? When they would know there is nothing like holy war and seventy virgins awaiting in paradise for what they are doing, instead they would be punished in hell for killing innocents , would they continue to suicide? Who can broadcast this message ? If the news channels instead using Islamic terrorism and change it to only Terrorism and teach real Islam, probably terrorsim will decrease, otherwise it is only going to grow. Reminding deviated muslims about the truth of islam is a very good solution. 
If the media owners and other politicians are really interested to decrease terrorism then they would need to think for some change. If things don't change then I think we can assume the intentions are not only to covers terrorism but also to promote terrorism. Probably when terrorism reaches till their door , they may realise their mistake, but by then it would be very late.