क्या होता अगर आज हमारे पास संचार के माध्यम ना होते तो ? ऐसा सोचना अत्यंत कठिन है क्योंकि संचार के बिना मानव जीवन की कल्पना नही की जा सकती । यह हर व्यक्ति और समाज का अभिन्न अंग है,ऐसा अंग जिसके द्वारा हम अपने विचार दूसरों तक पहुँचाने मे सक्षम हो पाय है । आज विज्ञानं ने हमारी इतनी साहित्य की है कि हम संसार के किसी भी कोने तक घर बैठे अपनी बात पहुँचा सकते है । संचार के माध्यम से आज हर व्यक्ति हर समाज हर क्षत्रे हर कार्यालय जुड़ पाया है । जब भी हम कभी गांव जाते है तो हम देखते है कि लोग आपस मे जुड़े हुए है ऐसा इसलिये क्योंकि उनके बीच विचारों व् भावों का आदान प्रदान अधिक है वह सब एक दूसरों के भावों को समझते है । उसी के विपरीत जब हम किसी से लड़ाई करते है तो सबसे पहले हम बात करना बंद कर देते है और इसी वजह से दूरियां बढ़ने लगती है। अतः कहा जा सकता है कि जितना ज़्यादा संचार होगा उतना ही लोग आपस मै जुड़ पाएंगे। सामाजिक दुनिया मे आम आदमी आज अख़बार टेलीविसिओं रेडियो द्वारा दुनिया के संपर्क मे आ पाया है । वह इतना जागरूक हो गया है की उससे सही और गलत की पेह्चाह्न हो गई है । .यही नही खुद के विचार को प्रस्तूत करने मे भी सक्षम हो गया है । आज की वेब जर्नलिज्म की कक्षा मे हमें यही सिखाएगा गया की वास्तविक रूप मे संचार है क्या और इसका विकास कैसे हुआ । प्राचीन समय मे भी विचारों का आदान प्रदान हुआ- प्रारम्भ मे ससंकेतों दद्वारा , फिर चित्रों द्वारा और धीरे धेरे हम इस स्तिथि पर पहुँच पाय की आज विचारों का आदान प्रदान कर पाय है ।
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