Monday, 14 October 2013

DUSSHERA DARPAN





                                                                                                                                                                                                विजय दशमी के दिन बुराई पर अछाई की जीत हुई ,इस दिन को
बड़े हर्ष उल्लास  के दिन मनाया जाता है। इस दिन को श्री राम जी ने रावण को
मारा और पाप की दुनिया को समाप्त किया और एक घमंडी राजा को को ख़तम
किया।यह तियोहार भारत में सदियों से मनाया जा रहा है ,हमारी संस्कृति में                        
इस को रावण,कुम्करण ,और मेग्नाथ के पुतलो को जला कर एक दुष्ट राजा को
भस्म किया जाता है ,भारत में कई राज्यो में रामलीलाओ का मंचन होता है ,
इन रामलीलाओ में हजारो लोग आते है । इन लीलाओं में अलग अलग तरह के
पकवान ,झूले ,राम रावण के मुकट ,खिलोने ,आतिशबाजी ,खेल जादू आदि ,और
रामजी की लीला को देख लोगो को मनमोहित करते और अपनी संस्कृति को
चार चाँद लग जाते है ।अब देखा जाए तो लाल किला की लव खुश को बढ़िया
लीला का पुरस्कार मिला यह लीला काफी सालो से इस एतिहासिक जगह पर
होती रही है इस की पहला दुवार श्री धर्मिक लीला होती है  इस लीला में हमें
कुछ जानने को मिला इस का महल गेट महल की तरह इस की शोबा बढाता
है और यहा पर हमे खुच अतिती से मिलने का मोका मिला और मुख्य अतिती
श्री कपिल सिब्बल को कदा देकर संबोदित किया और यह के सुरक्षा अभिभावक
पवन कुमार हमे अपना समय दिया उनोने बताया की यह सुरक्षा के कड़े इंतजाम है
यह फ़ाऐर ब्रिगेड ,एम्बुलेंस ,की पूरी वियवस्ता है और यह मैदान 5 0 0 0 वर्ग गज


में फ्हला है जहा राम लीला होरही है ।और एक मुख्य पुरुष पर एक नज़र गई
श्री ब्रजमोहन शर्मा जी जो चांदनी चोक के पूर्व निगम पार्षद रहा चुके है और उनसे
हमने पूछा की आपको कैसा लगा ?तो उनोने कहा की हमे ख़ुशी है की यह रामलीला
होती आई है और हमारे अन्दर हिंदुस्तानी जज्बा जाग उठता है और यहा पर
चाट पकोड़ी का जो टेस्ट जो मज़ा है वो यही मिल सकता है और हम अपने आप को
खुशकिस्मत मानते है की हम यह के रहने वाले है और आगे भी यह सिलसला
चलता रहेगा । कुछ यह विचार थे पूर्व निगम पार्षद ब्रिज्मोहन जी के   

                                                                                                                              











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