आज हमें पूरा विश्व युवाओ का देश मान रहा है, और हमारे देश में युवाओ की आबादी ६०% है, यह हमारे विकाशसील देश के लिए शुभ संकेत है, क्योकि कोई भी देश उर्जावान, छमतावान और दिमागी तौर पर तंदुरुस्त नागरिक की कल्पना करता है, जब हमें यह शक्ति प्राप्त हुई है तो युवाओ को चाहिए की पूरी शक्ति से इस देश और समाज को विकशित करे| हमें ऐसे युवा होने का गौरव नही चाहिए जिसे दुनिया कहे की ये नसे की लत में अयासी में लिप्त युवा है, युवा वो नही जो १८ वर्ष का हो, युवा वीर कुंवर सिंह जैसा हो जो ८० वर्स के आयु में भी बहुत फुर्तीले, ताकतवर और देशप्रेम की भावना रखते थे| हमारे सामने चीन है जो बहुत हीं रफ़्तार में विकाश की ओर अग्रसर है, माना जा रहा है २०३० तक हम जनसँख्या के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ देंगे हमें ऐसी चीजों में चीन को पीछे करने में लज्जा आती है, अगर हमें चीन को पीछे छोड़ना है तो हमें शिक्षा, स्वास्थय, आर्थिक, शक्ति के रूप में पीछे छोड़ना होगा, हमारे देश के युवाओ को चाहिए की अपने जीवन सैली के साथ-साथ इस देश को भी ऊपर तक ले जाए| हम विश्वगुरु है जहाँ हमने शून्य देकर दुनिया को आगे बढाया और आगे भी हम दुनिया के लिए मिसाल बनेंगे और हम उम्मीद करते है की देश का हर युवा राष्ट्र के पुनर्निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगा| हमे गर्व होता है की हम भारतीय है|
अभिषेक कुमार
बेहतरीन लेख
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