Saturday, 27 November 2010

बिहार चुनाव: जात की हार विकाश की जीत|

बिहार जो पिछडो का प्रतिक बन गया था, जिस बिहार को लोग  अपहरण, हत्या, लूट, नरसंघार के लिए जानते थे वह बिहार अब विकाश के लिए जाना जा रहा है| वहां चुनाव आयोग ने भय-मुक्त चुनाव संपन करवाया| घर से बहार निकल कर महिलाओ ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया| इस वर्ष बिहार विधान सभा चुनाव में पुरुषो से ज्यादे उत्साहित होकर महिलाओ ने मतदान किया| आज फिर से बिहार अपने पुराने गौरवशाली इतिहास को पाने के लिए आगे बढ़ रहा है| जिस बिहार में भगवन बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, चन्द्रगुप्त जैसे शासक चाणक्य जैसे गुरु हुए आज वह बिहार फिर एक अच्छे कुशल शाशक के हाँथ में आ जाने से विकाश की राहों पर अग्रसर है| बिहार चुनाव में आये परिणाम देश की राजनीती में बदलाव के संकेत दे चूका है| दुसरे प्रदेश भी परिणाम से सिख ले सकते हैं की कम संसाधन वाला प्रदेश अगर ५ वर्सो में इतना विकाश कर सकता है तो, संसाधन से परिपूर्ण प्रदेश और भी आगे जा सकते हैं| अगर विकाश करने की नियत हो तो|
जिस बिहार में जातिवाद के नाम पर राजनीती होती थी, आज वहां विकाश के नाम पर चुनाव लड़े जा रहे है| चुनाव में घोषित परिणाम यह बताते हैं की इस चुनाव में जात की नही विकाश की जीत हुई है| और जनता बोल रही है सुशाशन की जय हो|

 अभिषेक कुमार

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