आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए बनी मुद्गल कमिटी की रिपोर्ट में 'इंडिविजुअल नंबर 2' का जिक्र किया गया है जो कि और कोई नहीं कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी हैं. गौरतलब है कि 5000 पन्नों की मुद्गल कमिटी की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. खबरों के अनुसार जस्टिस मुकुल मुद्गल की तरफ से अपॉइंट किए गए जांचकर्ता बीबी मिश्रा की चार महीने लंबी चली जांच की रिपोर्ट से यह पता चला है कि गुरुनाथ मयप्पन धोनी के कमरे में सीधी पहुंच रखनेवाला व्यक्ति था.
आपको बता दें कि धोनी बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट की पाबंदियों की वजह से हर रोज सभी लोगों से उस होटल के बिजनेस सेंटर में मिलते थे जहां पर पूरी टीम ठहरी हुई थी. इसमें जांचकर्ताओं ने पाया है कि मयप्पन धोनी के कमरे तक सीधी पहुंच रखते थे और वह रोजाना आईपीएल-6 के मैचों के दौरान धोनी से सीधे संपर्क में होते थे.
वहीं कई टीम अधिकारी, खिलाड़ी और होटल स्टाफ से पूछताछ करने के बाद जांचकर्ता इस फैसले पर पहुंचे हैं कि मयप्पन की धोनी के कमरे तक सीधी पहुंच सिर्फ इसी वजह से थी क्योंकि उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक के तौर पर सभी से मिलवाया गया था.
वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में श्रीनिवासन के वकील ने यह दलील दी थी कि मयप्पन को सट्टेबाजी में बड़ा नुकसान हुआ है. वकील के अनुसार अगर मयप्पन के पास अंदर की खबर होती तो उन्हें नुकसान नहीं होता लेकिन मुदगल कमिटी के लिए जांच करनेवाले मिश्रा की रिपोर्ट में पता चला है कि धोनी और मयप्पन रोजाना दो से तीन बार मुलाकात करते थे.
इस मामले में भले ही मुद्गल कमिटी ने यह पाया हो कि मयप्पन वास्तव में चेन्नई सुपर किंग टीम (सीएसके) के अधिकारी थे और सट्टेबाजी में शामिल थे लेकिन वहीं श्रीनिवासन और सीएसके टीम ने जोर देकर कहा था कि मयप्पन का टीम के मामलों से कोई मतलब नहीं था और उन्हें टीम स्ट्रैटिजी की भी कोई जानकारी नहीं थी.
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