वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने विज्ञापन का सहारा लेने का फैसला किया है। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। शीघ्र ही दिल्ली की सड़कों पर विज्ञापन से सजी बसें दौड़ती नजर आएंगी। उल्लेखनीय है कि अभी तक डीटीसी की बसों के अंदर ही विज्ञापन लगाने की इजाजत थी, लेकिन अब इसके बाहरी हिस्से भी रंग-बिरंगे विज्ञापन से सजे हुए होंगे। शुरुआती चरण में 500 बसों में विज्ञापन के लिए टेडर जारी किया गया है। इसमें एसी तथा नॉन एसी दोनों प्रकार की बसें शामिल है।हालांकि, बसों के अंदर विज्ञापन लगाने में विज्ञापनदाताओं ने रूचि नहीं दिखाई है। इसलिए डीटीसी प्रबंधन की यह नई पहल कितनी कामयाब होती है यह वक्त ही बताएगा। वहीं, डीटीसी के अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे विज्ञापनदाता आकर्षित होंगे और निगम को घाटे से उबरने में भी सहायता मिलेगी। अधिकारियों ने बताया कि डीटीसी बसों का किराया बढ़ाने के लिए कई बार सरकार को लिखा गया है, लेकिन इसकी इजाजत नहीं मिली है। इस स्थिति में डीटीसी का घाटा लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में रोजाना लगभग 50 लाख रुपये का घाटा हो रहा है। इसलिए मजबूरन विज्ञापन से ही आय बढ़ाने का फैसला किया गया है।
फिलहाल रोहिणी 1, जीटीके डिपो, पूर्वी विनोद नगर, एसएन डिपो तथा हरिनगर 1 डिपो की 100-100 बसों में यह विज्ञापन लगाए जाएंगे। यदि यहां यह प्रयोग सफल रहा तो अन्य बसों के बाहरी हिस्से में भी विज्ञापन लगाने की अनुमति दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) की कलस्टर बसों के बाहरी हिस्सों में विज्ञापन लगाने का फैसला किया गया है। इसकी अनुमति सिर्फ उन्हीं बसों में अनुमति दी गई है जिसमें ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) सुविधा उपलब्ध है।
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