आज मनुष्य खेल के महत्व को नकार के नही चल सकता । आज के युग मे खेल, जीवन की नियमित आवश्यकता बन चुका है । खेलता हुआ बालक ही हमे सबसे अधिक भाता है । उसकी यही खेलकूद वाली गतिविधि उसकी मांसपेशियो को निरंतर सशक्त और पुष्ट बनाने मे सहायक होती है । खेल हमारे जीवन को सदैव प्रसन्न बनाए रखते है । ये हमारे तन और मन दोनो का समुचित विकास करते है । खेलने से शरीर मे चुस्ती बनी रहती है । जिस प्रकार हमारे मानसिक विकास के लिए शिक्षा की आवश्यकता होती है उसी प्रकार स्वास्थ्य शारीरिक गठन के लिए खेल भी आवश्यक है । खेलो के माध्यम से व्यक्ति विशेष मे क्षमा, दया, स्वाभिमान, आज्ञा-पालन तथा अनुशासन जैसे उच्च गुणो का समावेश होता है ।
हालांकि पहले के समय मे लोग खेलो को इतना महत्व नही देते थे । उनके अनुसार खेल समय की बर्बादी का जरिया था लेकिन आज हर व्यक्ति का दृष्टिकोण बदल चुका है । आधुनिक समाज खेल की उपयोगिता से अवगत है । आज लोग खेलो मे अपना कैरियर भी बनाने लगे है । आज खेलो की दुनिया मे सचिन तेंदुलकर, पेले, सानिया मिर्जा, साक्षी मलिक, विराट कोहली आदि जैसे अनेक ऐसे नाम है जो आज के युवा वर्ग के लिए मिसाल बनकर उपस्थित हुए है । खेलो के द्वारा ही व्यक्ति रंगभेद, जाति, धर्म आदि बातो को भुलाकर भावनात्मक रूप से एक दुसरे से जुड़ता चला जाता है । यही खेलो का सही महत्व है ।
हालांकि पहले के समय मे लोग खेलो को इतना महत्व नही देते थे । उनके अनुसार खेल समय की बर्बादी का जरिया था लेकिन आज हर व्यक्ति का दृष्टिकोण बदल चुका है । आधुनिक समाज खेल की उपयोगिता से अवगत है । आज लोग खेलो मे अपना कैरियर भी बनाने लगे है । आज खेलो की दुनिया मे सचिन तेंदुलकर, पेले, सानिया मिर्जा, साक्षी मलिक, विराट कोहली आदि जैसे अनेक ऐसे नाम है जो आज के युवा वर्ग के लिए मिसाल बनकर उपस्थित हुए है । खेलो के द्वारा ही व्यक्ति रंगभेद, जाति, धर्म आदि बातो को भुलाकर भावनात्मक रूप से एक दुसरे से जुड़ता चला जाता है । यही खेलो का सही महत्व है ।
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