Sunday, 22 January 2017

India vs England ODI series

Heading :- रोमांचक मैच के साथ सिरीज का अंत ।
Sub-heading :- भारत ने वनडे सृंखला 2-1 से जीती ।
भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज के आखिरी मुकाबले मे इंग्लैंड ने भारत को 5 रनो से हराकर सीरीज क्लीन स्विप से बचा लेकिन 2-1 से हार गए ।
रोमांच से भरपूर :- सीरीज के तीसरे और आखिरी वनडे मैच मे 321 के विशाल लक्ष्य का पीछा कर रही भारतीय टीम को जीत के लिए आखिर ओवर मे 16 रन चाहिए थे, केदार जाघव ने पहली दो गेंदो मे छकका और चौका लगाया लेकिन टीम को जीत नही दिला सके और टीम 5 रनो से हार गई ।
इंग्लैंड की शानदार बल्लेबाजी :- इससे पहले टाॅस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की शुरुआत अच्छी रही ओपनर जेसन राॅय ने 65 रन बनाए पहले विकेट के लिए 98 रन जोड़े । इसके बाद कप्तान मोगॅन, जौनी बेरिसटो और बेन स्टोकस के शानदार बल्लेबाजी से टीम 320 के स्कोर तक पहुंच सकी ।
भारत की खराब शुरुआत :- 321 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही । ओपनर अजिंक्य रहाने  (1), ओर केएल राहुल  (11) सस्ते मे आउट हो गए । पुरी सीरीज मे भारत की ओपनिंग खराब रही ।
जाघव का कमाल :- खराब शुरुआत के बाद कप्तान विराट कोहली ने टीम को संभाला और  (55) रन की पारी खेली । 175 रन पर आघी टीम पैवेलियन लौट चुकी थी, इसके बाद हार्दिक पाड़या(55) और केदार जाघव(90) ने ने टीम को संभाला और टीम को स्कोर के करीब ले गए । सीरीज के पहले वनडे मे भी केदार जाघव ने शतक जड़ कर टीम को जीत दिलाई थी ।
टी20 की तैयारी :- टेस्ट और वनडे सीरीज मे भारत से बुरी तरह हारने के बाद इंग्लैंड अब भारत के खिलाफ 26 जनवरी से शुरु हो रही 3 टी20 मैचो की सीरीज खेलेगी । जिसका पहला मैच कानपुर मे 26 जनवरी को खेला जाएगा ।

प्रकृति का हनन

प्रकृति और मनुष्य का ऐसा शाश्वत संबंध है जिसे कभी भी अलग-अलग करके नही देखा जा सकता फिर भी मनुष्य प्रकृति के चक्र को निरंतर ध्वस्त करता चला जा रहा है । जाने-अनजाने प्रकृति के साथ खिलवाड़ करते रहने के कारण मनुष्य एक ऐसे मोड़ पर आ खड़ा हुआ है जहाँ वह प्रकृति के असंतुलन के लिए चिंतित तो होता दिखाई देता है लेकिन उसके समाधान के लिए अग्रसर होता दिखाई नही देता । पिछले कुछ वर्षो मे जैसे जैसे दुनिया की जनसंख्या बढी है वैसे ही प्रकृति पर भी प्रभाव पड़ा है । पर्यावरण को गर्म करने वाली विभिन्न प्रकार की गैसों का उत्सर्जन अपेक्षा से अघिक बढ गया है । विकास के नाम पर पूरे विश्व मे एक होड़ सी लग गई है जिसके लिए प्रकृति को नजरअंदाज करके मनुष्य दिनोंदिन सुख सुविघाओ के साधनो को जुटाने मे लगा रहता है । भूमि की उपज मे जो कमी आई है उसके लिए भी पर्यावरण का असंतुलन ही कही ना कही जिम्मेदार है । इसका जलवायु पर भी इतना गहरा प्रभाव पड़ा है कि आज हिमालय ग्लेशियर तेजी से पिघलते जा रहा है ओर समुद्र का जलस्तर बढता ही जा रहा है इसके अलावा दूसरी ओर नदियो का जलस्तर, गर्मी बढ़ने के कारण घटता ही जा रहा है । इन सभी समस्याओ से उबरने के लिए आवश्यक है कि विश्व का हरेक व्यक्ति इस बात के प्रति सचेत व सजग रहे कि प्रकृति यदि हमारे विकास के लिए वरदान है तो वास्तविक महत्व को समझते हुए उसके द्वारा दी गई प्राकृतिक संपदाओ कि हम रक्षा करे । साथ ही विकसित देशो को भी सोचना होगा कि वे प्रदुषण संबंधी सभी कारणो से अवगत होकर विकास के क्षेत्र मे महत्वपूर्ण कदम उठाए । विश्व के सभी देशो को मिलकर प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने मे एक साथ मिलकर कदम उठाना होगा ।

Monday, 16 January 2017

स्वस्थ शरीर स्वस्थ मष्तिष्क

किसी ने ठीक ही कहा है कि 'स्वस्थ शरीर मे ही स्वस्थ मष्तिष्क का निवास होता है ।' मानव जीवन एक झरने के समान है । जिस प्रकार झरने का जीवन पानी है उसी प्रकार मानव के जिवन का आधार उसका स्वस्थ रहना है । इसलिए शरीर के सभी अंग  ठीक प्रकार से चलते रहे उसी का नाम स्वस्थ है । स्वस्थ मनुष्य चाहे जितना भी गरीब क्यो ना हो वह सुखी जीवन जी सकता है जबकि अमीर व्यक्ति सभी साधनो के बावजूद यदि अस्वस्थ रहता है तो उसे अपना जीवन नीरस और विरान लगता है । वह जीवन का एक एक पल गिन गिनकर काटता है । इसलिए व्यक्ति को चाहिए कि आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी मे वह अपने स्वास्थ्य का विषेश रूप से ध्यान रखे ।
आज का व्यक्ति शारीरिक बिमारियो के साथ-साथ मानसिक रूप से इतना ज्यादा तनावग्रस्त है कि उसके पास सुख सुविधाए के होते हुए भी उदासी और अकेलापन से घिरा रहता है । स्वस्थ जीवन को रसमय जीवन बनाना तभी संभव हो पाएगा मनुष्य कुछ महत्वपूर्ण बातो को अपने जीवन का अंग बना लेगा; जैसे - पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन, स्वच्छ वायु मे कुछ समय बिताना, नियमित परिश्रम करना, व्यायाम करना आदि ।
स्वस्थ रहने के लिए उसे हर प्रकार के अति से बचना होगा - जैसे :- अतिरिक्त खाना, अतिरिक्त जागना आदि । अनियमित जीवन शैली को छोड़ना होगा और अपने स्वास्थ्य पर घ्यान देना होगा । धुम्रपान, मदिरापान आदि से दूर रहना होगा । आज विश्व स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी बड़े बड़े अभियान चलाए जिते है क्योंकि यह सच है कि किसी भी राष्ट्र का विकास उसके स्वास्थ्य नागरिको पर ही निर्भर करता है। इसीलिए हमारा यह कर्तव्य है कि हम स्वस्थ रहे और देश की सेवा करते रहे ।

खेलो का महत्व

आज मनुष्य खेल के महत्व को नकार के नही चल सकता । आज के युग मे खेल, जीवन की नियमित आवश्यकता बन चुका है । खेलता हुआ बालक ही हमे सबसे अधिक भाता है । उसकी यही खेलकूद वाली गतिविधि उसकी मांसपेशियो को निरंतर सशक्त और पुष्ट बनाने मे सहायक होती है । खेल हमारे जीवन को सदैव प्रसन्न बनाए रखते है । ये हमारे तन और मन दोनो का समुचित विकास करते है । खेलने से शरीर मे चुस्ती बनी रहती है । जिस प्रकार हमारे मानसिक विकास के लिए शिक्षा की आवश्यकता होती है उसी प्रकार स्वास्थ्य शारीरिक गठन के लिए खेल भी आवश्यक है । खेलो के माध्यम से व्यक्ति विशेष मे क्षमा, दया, स्वाभिमान, आज्ञा-पालन तथा अनुशासन जैसे उच्च गुणो का समावेश होता है ।
हालांकि पहले के समय मे लोग खेलो को इतना महत्व नही देते थे । उनके अनुसार खेल समय की बर्बादी का जरिया था लेकिन आज हर व्यक्ति का दृष्टिकोण बदल चुका है । आधुनिक समाज खेल की उपयोगिता से अवगत है । आज लोग खेलो मे अपना कैरियर भी बनाने लगे है । आज खेलो की दुनिया मे सचिन तेंदुलकर, पेले, सानिया मिर्जा, साक्षी मलिक, विराट कोहली आदि जैसे अनेक ऐसे नाम है जो आज के युवा वर्ग के लिए मिसाल बनकर उपस्थित हुए है । खेलो के द्वारा ही व्यक्ति रंगभेद, जाति, धर्म आदि बातो को भुलाकर भावनात्मक रूप से एक दुसरे से जुड़ता चला जाता है । यही खेलो का सही महत्व है ।