Monday, 12 December 2016

राष्ट्रीय संगोष्ठ

"नज़रिया  बदलो बदलाव अपने आप नज़र आने लगेगा।

इसी को ध्यान मे  रखते हुए कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया मे  राष्ट्रीय संगोष्टी का आयोजन किया गया।   यह संगोष्ठी  दिनक १० दिसम्बर २०१६ को माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय  एवं संचार विश्वविद्यालय (भोपाल) और भारतीय भाषा मंच (दिल्ली) के द्वारा विषय - भारतीय भाषाओँ की पत्रकारिता  चुनोतियाँ एवं समाधान पर आधारित थी।  इस भव्य संगोष्ठी का आरम्भ दीपोत्सव  से  हुआ , जिसके उपरांत अतिथियों को पुस्तकें द्वारा  सम्मानित किया गया।  कार्यराम के मुख्य अतिथी  श्री सुधीर चौधरी  ( ज़ी न्यूज़ के संपादक ) जिन्होंने विषय को ध्यान में  रखते हुए भारतीय पत्रकारिता मे  हिंदी भाषा के महत्त्व को बताया। उनके अनुसार हिंदी पत्रकारिता का धीरे धीरे लुप्त होने का कारण  अंग्रेजी को बताया जो धीरे धीरे अपनी जड़ जमा रहा है।  हिंदी पत्रकारिताओं को उसके अस्तित्व को याद दिलाने की ज़रूरत है। यह तभी संभव है  जब हम हिंदी भाषा के ब्रांड एम्बेसडर बने  और इसका प्रचलन करे।  आकड़ों के अनुसार यदि  यह किया गया तो  हमारी हिंदी भाषा अंतराष्ट्रीय तौर पर २०५०  तक सातवें  स्थान  तक पहुँच गयी।  अंग्रेजी के फॉलोवर  न बनकर हिंदी भाषा और बोलियों को अपने।  श्री सुधीर चौधरी के विचारों से सहमत रहकर माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय एवं संचार विश्वविद्यालय के अध्यक्ष  प्रो. बी. के कुठियाला ने बताया की हमें भारतिय  पत्रकारिता मे  अंग्रेजी भाषा की जगह भारत की  हिंदी भाषा और अन्य बोलियों को अपनाना होगा।  एक ऐसे दाल की नियुक्ति  करनी होगी जो हर साल यह तय करे की पत्रकारिता में अंग्रेजी के कौन से शब्द  अपनाय जय।  तथा हिंदी पत्रकारिता की गरिमा बानी रहे  संगोष्टी के अन्य वक्ताओं ने भी अंग्रेजी और हिंदी भाषा पर जमकर चर्चा की और सभी को हिंदी का प्रेमी बनने के लिये उत्साहित किया। अंत मे  प्रश्नोत्तर  के द्वारा कार्यक्रम को समाप्त किया  गया।

No comments:

Post a Comment