संसद कि चौखट पर भारतीय भाषा संघर्ष जारी
नई दिल्ली :-विवेक शर्मा
जंतर मंतर स्थित राष्ट्रीय धरना स्थल पर भारतीय भाषा आन्दोलन पिछले 29 अप्रेल 2013 से जारी है ;यह आन्दोलन देश को अंग्रेजी की गुलामी से मुक्त कराने के लिए जंतर मंतर पर पिछले 8 माह से किया जा रहा है !इस आन्दोलन की मुख्य मांग सर्वोच्च व उच्च न्यायालयों के साथ साथ संघ लोक सेवा आयोग में अंग्रेजी के प्रयोग की जगह हिंदी के प्रयोग को बढावा देना है !
शीतकाल के इन दिनों में मनीष सिसोधिया का दिल्ली वासियों के लिए शिक्षा में 90 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्याल के विधि संकाय के प्रवासी भलाई के बेनर तले दिए बयान नेउन्हें सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है ऐसे में भाषा आन्दोलन ने भी जोर पकड लिया है ! भाषा आन्दोलन को जीवंत बनाये रखने में पुष्पेन्द्र चोहान,महासचिव देवसिंग रावत सरदार महेंद्र सिंह ,सुनील कुमार सिंह ,चोधरी सहदेव पुनिया ,जगदीश भट्ट ,चंद्रवीर सिंह ,समाजसेवी रोशन लाल अग्रवाल ,महेशकान्त पाठक ,सुधीर पाण्डेय,भागीरथ,मध्य प्रदेश के रीवा प्रो.पाण्डेय,संजीव कुमार झा,लक्ष्मण कुमार सिंह,सुनील खन्ना,खेमराज कोठारी आदि कड़ी मशक्कत कर रहे है !आगामी 26 जनवरी को भारतीय भाषा आन्दोलन की विशाल जनसभा का आयोजन जंतर मंतर पर किया
नई दिल्ली :-विवेक शर्मा
जंतर मंतर स्थित राष्ट्रीय धरना स्थल पर भारतीय भाषा आन्दोलन पिछले 29 अप्रेल 2013 से जारी है ;यह आन्दोलन देश को अंग्रेजी की गुलामी से मुक्त कराने के लिए जंतर मंतर पर पिछले 8 माह से किया जा रहा है !इस आन्दोलन की मुख्य मांग सर्वोच्च व उच्च न्यायालयों के साथ साथ संघ लोक सेवा आयोग में अंग्रेजी के प्रयोग की जगह हिंदी के प्रयोग को बढावा देना है !
यह धरना जनवरी के प्रथम सप्ताह भी जारी रहा !चोपाल की अध्यक्छता के राघव शर्मा ,न्याय व्यवस्थता के प्रणेता रोशन लाल अग्रवाल व व्यवस्था परिवर्तन के संस्थापक अध्यछ संसार चाँद और भारतीय किसान यूनियन के नेता दुष्यंत कुमार ने की !
चोपाल मै भाषा आन्दोलन के पुरोधा पुष्पेन्द्र चोहान ने कहा विदेशी भासा के प्रभाव से अंधे होकर अनेको समाचार चेनल और राजनितिक अधिकारी देश की संस्कृति और लोकशाही की जड़ों में मठा दाल रहे है !वरिष्ठ साहित्यकार बलदेव बंसी के अनुसार आजादी के बाद भी हिंदी भाषी लोगो को दोयम दर्जा दिया जाना काफी निराशाजनक है !
जहाँ एक तरफ आई.एस भारद्वाज और जन -आन्दोलनों के सयोजक भूपेन्द्र रावत जेसे राजनितिक दिग्गज एक और समर्थन में मोजूद थे वहीं दूसरी तरफ भारत की पहली ऑटो चालक महिला सुनीता जी अपनी मात्रभाषा को लेकर शपथ खाती दिखीं!
शीतकाल के इन दिनों में मनीष सिसोधिया का दिल्ली वासियों के लिए शिक्षा में 90 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्याल के विधि संकाय के प्रवासी भलाई के बेनर तले दिए बयान नेउन्हें सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है ऐसे में भाषा आन्दोलन ने भी जोर पकड लिया है ! भाषा आन्दोलन को जीवंत बनाये रखने में पुष्पेन्द्र चोहान,महासचिव देवसिंग रावत सरदार महेंद्र सिंह ,सुनील कुमार सिंह ,चोधरी सहदेव पुनिया ,जगदीश भट्ट ,चंद्रवीर सिंह ,समाजसेवी रोशन लाल अग्रवाल ,महेशकान्त पाठक ,सुधीर पाण्डेय,भागीरथ,मध्य प्रदेश के रीवा प्रो.पाण्डेय,संजीव कुमार झा,लक्ष्मण कुमार सिंह,सुनील खन्ना,खेमराज कोठारी आदि कड़ी मशक्कत कर रहे है !आगामी 26 जनवरी को भारतीय भाषा आन्दोलन की विशाल जनसभा का आयोजन जंतर मंतर पर किया
जायेगा !
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