21 मई 2015 को गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में हुए YOUTH ADVENTURE AND NATION BUILDING सेमीनार का भविये प्रदर्शन हुआ। जिसमे डॉ स्मिता मिश्र ने इसको आयोजित कर एक नई दिशा दी। इस आयोजन से एक पैगाम छात्रों से लेकर लोगो तक गया की हिम्मत हो और विशवास हो तो हर एक कठनाईओ का सामना किया जा सकता है। 2 9 मई 1965 को गय जाबाज़ लोग जिन्होंने हिमालय पर्वत जोकि आज भी भारत का रक्षा कवच है उसकी शिकर को छुआ और भारत का ध्वज लहराया । इस कामियाबी को दिशा दी टीम के लीडर एम एस खोली
ने और उनका मार्गदर्शन किया और उनकी टीम के मजबूत सहपाठी एच पी एस अहुलवालिया ,एच सी एस रावत ,पी एच यु देओरी आदि जीनोने 29 ,028 फिट की ऊचाईयों को छुआ और देश का गौरव बढ़ाया । इस आयोजन की शुरुआत दीपक प्रज्वलित करके हुई,और इस आयोजन में अलग अलग आये सम्मानित कुछ लोगो ने अपने विचार रखे ,इन विचारो में जज्बा और हिम्मत की झलक दिखी । इसी बीच खालसा कॉलेज के माननीय प्रधानाचार्य डॉ जसविंदर सिंह जी ने सबको संबोदित करते हुए कुछ बातो पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा की"ज़िन्दगी में खेल जरुरी है मनोरंजन जरुरी है लेकिन आज भी कुछ ऐसे बच्चे भी है जोकि उनमे हुनर तो है
लेकिन खेल नही पाते और इस दिल्ली में 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में बने स्टेडियम में आम लोगो कि पाबंदी है ,जो पैसा लगा वो जनता पर उपयोग तो हो ,सरकार भी कोई कदम नही उठा रही है , लेकिन यूनिवर्सिटी में खालसा कॉलेज आम जनता के लिए और बच्चो के लिए खेल के लिए शाम को खुला रहता है यहाँ पर बच्चे अपने हुनर को उड़ान दते है "आदि कहते हुए एक संदेश आज की पीढ़ी को तक पहुंचाया । इसी के साथ खालसा कॉलेज में आये सम्मानित लोगो को पुरुस्कार देकर सम्मानित किया और इस आयोजन का समापन हुआ ।
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