नई दिल्ली/ वॉशिंगटन।। कैलिफॉर्निया की एक फर्जी यूनिवर्सिटी द्वारा ठगी का शिकार होने के बाद अमेरिका में ढेरों भारतीय छात्रों को अब अपमान का घूंट पीना पड़ रहा है। इन छात्रों को अपने टखने के साथ जबरन रेडियो कॉलर लगाकर घूमना होगा, ताकि अमेरिकी अधिकारी चौबीसों घंटे उनकी गतिविधियों पर नजर रख सकें।
सेन फ्रैंसिस्को के एक उपनगरीय इलाके स्थित ट्राई-वैली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले ये अधिकांश छात्र आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। इमिग्रेशन संबंधी धोखाधड़ी के लिए इन छात्रों को अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने का खतरा भी बरकरार है। तेलुगू असोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका नामक संगठन के जयराम कोमाटी ने बताया है कि अमेरिकी अधिकारियों ने इन छात्रों के टखने के साथ एक मॉनिटरिंग सिस्टम को जोड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे मामले में भारतीय छात्रों की नहीं, बल्कि यूनिवर्सिटी की गलती है, क्योंकि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है, लेकिन निशाना छात्रों को बनाया जा रहा है।
भारतीय छात्रों के साथ इस तरह के बुरे बर्ताव की खबरों से चिंतित भारत ने अमेरिका से कहा है कि वह ठगी के शिकार भारतीय छात्रों के प्रति 'नरम' रुख अपनाए। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से कहा कि वे भारतीय छात्रों को लगाए गए रेडियो कॉलर हटाएं और उन्हें अपनी सफाई देने का पूरा मौका दें। साथ ही, अमेरिका भारत सरकार को भी इस मामले की जांच और इस फर्जी यूनिवर्सिटी के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों की जानकारी मुहैया कराए।
सेन फ्रैंसिस्को के एक उपनगरीय इलाके स्थित ट्राई-वैली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले ये अधिकांश छात्र आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। इमिग्रेशन संबंधी धोखाधड़ी के लिए इन छात्रों को अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने का खतरा भी बरकरार है। तेलुगू असोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका नामक संगठन के जयराम कोमाटी ने बताया है कि अमेरिकी अधिकारियों ने इन छात्रों के टखने के साथ एक मॉनिटरिंग सिस्टम को जोड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे मामले में भारतीय छात्रों की नहीं, बल्कि यूनिवर्सिटी की गलती है, क्योंकि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है, लेकिन निशाना छात्रों को बनाया जा रहा है।
भारतीय छात्रों के साथ इस तरह के बुरे बर्ताव की खबरों से चिंतित भारत ने अमेरिका से कहा है कि वह ठगी के शिकार भारतीय छात्रों के प्रति 'नरम' रुख अपनाए। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से कहा कि वे भारतीय छात्रों को लगाए गए रेडियो कॉलर हटाएं और उन्हें अपनी सफाई देने का पूरा मौका दें। साथ ही, अमेरिका भारत सरकार को भी इस मामले की जांच और इस फर्जी यूनिवर्सिटी के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों की जानकारी मुहैया कराए।