Tuesday, 28 September 2010

साहित्य जगत ने खोया एक अनमोल रत्न

''१ जुलाई १९३३ -२५ सितम्बर २०१०''
 नंदन के निधन से एक युग का अवसान 
प्रख्यात हिन्दी लेखक और पत्रकार कन्हैया लाल नंदन (७७ वर्ष ) जिनका निधन २५ सितम्बर २०१० को नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल मे हो गया राजनीति, कला, संस्कृति, साहित्य और पत्रकारिता जैसे विभिन्न क्षेत्रों से 500 के आसपास लोगो  ने उन्हे   श्रद्धांजलि अर्पित की 
जन्म दिनांक -  1 जुलाई 1933
जन्म स्थान  -  गाँव परस्तेपुर (जिला फतेहपुर)
शिक्षा   -           बी.ए. (डीएवी कॉलेज, कानपुर)
                   एम.ए. (प्रयाग विश्वविद्यालय)
                  पीएचडी (भावनगर विश्वविद्यालय)
अध्यापन   - 4 वर्ष तक मुंबई विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में अध्यापन।


पत्रकारिता

* 1961 से 1972 तक टाइम्स ऑफ इंडिया प्रकाशन समूह के
                 धर्मयुग में सहायक संपादक।


* 1972 से दिल्ली में क्रमश: पराग, सारिका और दिनमान के संपादक।
* तीन वर्ष तक दैनिक नवभारत टाइम्स में फीचर संपादक
* 6 वर्ष तक हिन्दी संडे मेल में प्रधान संपादक
* 1995 से इंडसइंड मीडिया में निदेशक के पद पर।


प्रमुख पुस्तकें

'लुकुआ का शाहनामा',
घाट-घाट का पानी,
अंतरंग
नाट्‍य परिवेश
आग के रंग
अमृता शेरगिल
समय की दहलीज
बंजर धरती पर इंद्रधनुष
गुजरा कहाँ कहाँ से 

वे पदमश्री और भारतेन्दु पुरस्कारों से सम्मानित थे
उन्होंने भारत की तमाम स्तरीय हिंदी पत्र-पत्रिकाओं, आकाशवाणी और दूरदर्शन को भी अपनी सेवाएं दीं। 
वस्तुनिष्ठ और निष्पक्ष रिपोर्टिंग व लेखन के लिए जाने जाते रहे हैं।तीन दर्जन से ज्यादा पुस्तकों के लेखक,जो एक कवि और गीतकार के रूप में जाने जाते थे  


उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि पत्रकारिता के आदर्शों पर चलते हुए वस्तुनिष्ठ साथ ही जनपक्षीय लेखन किया जाए


शशांक विक्रम  सिंह 



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